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दिसम्बर,२०१७ क' सिविल सर्विस
ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट,कस्तूरबा गाँधी मार्ग,नई दिल्लीक सभागार मे आयोजित 'मणि गीत रचना महोत्सव'
ओ 'नीर भरल नयन' केर लोकार्पणक अवसर पर आमंत्रित अतिथि लोकनिक सम्मानोपरांत सामाजिक,सांस्कृतिक ओ साहित्यिक गतिविधि मे सक्रिय किछु मैथिलजन केँ
सेहो सम्मानित कएल गेल। विभिन्न व्यक्तित्व केँ सम्मानित होइत देखि आह्लादित होइत
रही,अभिनंदन मे थोपड़ी बजबैत रही। हास्य कवि आदरणीय जनक जी
संचालन करैत रहथि उद्घोषणा केलनि आब हमरा लोकनि सम्मानित करय जा रहल छियनि युवा
साहित्यकार मनीष झा बौआभाइ केँ। अनापेक्षित भावे बैसल समाजक प्रति योगदानक
स्व-मूल्यांकन करैत एखन अपनाकेँ एहि जोगर नहि बूझै छी, मुदा घोषणा भेल त' संस्था,आयोजक,मंचस्थ अतिथि, लेखक ओ संचालकक सम्मानमे जाएब तत्क्षण उचित बुझना गेल।
डॉ. पवन
कुमार झा जी माला सँ स्वागत केलनि आ सुगति सोपानक अध्यक्षा श्रीमती कुमकुम झा जी
स्वयं पुष्पगुच्छ ओ शॉल सँ सम्मानित केलनि। तकरा बादक जे स्थिति छल ओ आर बेसी
आश्चर्यचकित करैत बला। मैथिली साहित्य महासभाक अध्यक्ष श्री अमरनाथ झा, श्री संतोष राठौड़, श्री केशव झा,
श्री प्रसून झा,डॉ.कैलाश कुमार मिश्र,डॉ. प्रकाश झा आदि लोकनिक मंच धरि पहुँचब आ शुभकामनाक देबाक
जे अंदाज छल ओ स्वयं कैमराक आँखि कहि रहल अछि। कुमकुम दीदी केँ इशारा मे पुछलियनि-'दीदी ई की ?' मुदा हमरा प्रति हुनक आश्वस्त होइत प्रत्युत्तर सुनि पुनः प्रश्न करबाक साहस
नहि भेल,
ओ कहली-'अगिला खाम्ह
सम्हारबाक जिम्मा!'
सुगति
सोपान ओ श्रीमती कुमकुम झा सँ विगत एग्गारह बर्ख पूर्व परिचय करौलनि गायक अग्रज
श्री सुनील पवन। अवसर छल हमर दोसर आ सुनील पवन जीक संग पहिल सांगीतिक एलबम
"मैयारानी" केर स्टूडियो रिकॉर्डिंग। दुर्गापूजाक अवसर पर ई कैसेट रिलीज
भेल छल सुगति सोपान द्वारा जाहिमे गीत लिखने छलाह मिथिला पुत्र प्रदीप,सुनील पवन,किछु पारंपरिक
गीत संगहि दू गोट गीत लिखबाक अवसर हमरहु प्रदान कएल गेल।संगीतबद्ध केने छलाह
सुप्रसिद्ध गायक-संगीतकार पं. श्री हरिनाथ झा। स्वरबद्ध केने रहथि सुनील पवन एवं
कुमकुम झा। एहि कैसेटक विमोचन भेल छल दरभंगा मे आदरणीय मिथिला पुत्र 'प्रदीप' ओ पं. चन्द्रनाथ
मिश्र 'अमर'
जीक करकमल सँ।
कुमकुम
दीदी सँ परिचय निस्सन होइत गेल आ तकरा बाद विभिन्न कार्यक्रम मे अनवरत भेंटघाँट
होइत रहल। साहित्यिक प्रोत्साहन जे भेटैइयै से त' भेटिते अछि मुदा सभसँ बेसी प्रभावित करैत अछि हिनक सरलता,सहजता ओ नारी मनक कोमल उद्गार जे हिनका सामाजिक स्तर पर एक
विशिष्ट छवि सेहो प्रदान करैत छनि। पूर्व प्रधानमंत्री ओ कवि आदरणीय श्री अटल
बिहारी वाजपेयी जीक '
मेरी इक्यावन कविताएँ' केर मैथिली अनुवादक प्रकाशित पोथी मैथिली साहित्य संवर्धन मे हिनक योगदानक रूप
मे गानल जाइत अछि।
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