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Wednesday, May 27, 2015

राजघाटमे कवि सम्मलेन

कार्यक्रम : मैथिली कवि सम्मलेन
आयोजक : मैथिली साहित्य महासभा
सह-आयोजक : मैथिली जिन्दाबाद
स्थान : राजघाट, नई दिल्ली
दिनांक : २४ मइ २०१५ (रविदिन)

मुख्य अतिथि (अध्यक्षता) : डॉ. पंकज मिश्र (प्रो. संस्कृत,दिल्ली विश्वविद्यालय)
उपस्थित कवि : महेश झा डखरामी”,विमल जी मिश्र,मनीष झा बौआभाइ”,कमलेश किशोर झा,अमिताभ भूषण,संजय झा नागदह”,आदित्य भूषण मिश्र ।

ऑनलाइन पठाओल रचनाक कवि : मित्रेश्वर चौधरी अग्निमित्रआ अमरनाथ झा ।


विशेष उपस्थिति : प्रवीण नारायण चौधरी,अमरनाथ झा,संजीव सिन्हा,कुमुदानन्द झा,सुशान्त झा,सोनू मिश्रा,पंकज प्रसून,कंत जी,विश्वजीत झा,संजीत झा,बृजेश झा आदि ।

Friday, May 08, 2015

की कहियौ गे बहिना...रंग जमल की ओहिना!


मैथिली रंगमंच कला, संस्कृति ओ भाखाक रक्षार्थ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपन पहिचान बनेबा लेल निःसंदेह सकरात्मक ओ इमानदार प्रयाससं दिन-राइत एक क' देने अछि मुदा अपनहि घरमे राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, नैतिक ओ मानसिक रूपे अपेक्षित अछि, जकर टटका उदाहरण अछि मधुबनीमे भेल मैलोरंग आयोजित त्रिदिवसीय (०१मइ स०३मइ) आयोजन मिथिला रंग महोत्सव”.

देशक राजधानी दिल्ली स्थित मैलोरंगक संदर्भमे कम शब्दमे कहल जाए तएतबा जनाएब अनिवार्य जे संस्था द्वारा आयोजनक घोषणा मात्रसदिल्ली आ एनसीआरमे रहनिहार भाखाप्रेमी लोकनिक मध्य अबिलम्ब प्रस्तुति देखबाक जेना उत्कंठा जोर कदेइत छनि मने ओ हकार तेना पसरि जाइत अछि जेना कि चिरप्रतीक्षित होए आ आयोजनक दिन (ओ चाहे ड्यूटी बला दिन किएक नैं होए) लोकक भीड़ पंचसए सिटा हॉलकें सेहो भाखाभाखी प्रेमी लोकनिक सोजहा कम सीटक जगह सिद्ध करैत आबि रहल अछि.

ज्ञात हो कि मैलोरंग द्वारा मधुबनीमे भेल एहि आयोजनक व्यवस्था हेतु कतेको मास पूर्व सनियार-भास आ तदनुरूप दौरबरहा कजेना तेना शहरक मध्य स्थित टाउन हॉल के सुरक्षित करौलनि आ तैयारीमे लागि गेला. कतेको मीडिया, स्थानीय लोक, संस्कृतिकर्मी, रंगकर्मी, व्यवसायी वर्ग, राजनैतिक छवि आदिकें जोड़बाक सफल प्रयास केलनि आ निर्धारित तिथिक पूर्व संध्या पर २४ सदस्यीय टीमक संग पहुँचै गेला.
मधुबनीमे बेस उत्साहक संग प्रवेश केलनि तमुदा चयनित स्थान पर पहुँचैत अनायास स्थान परिवर्तन (टाउन हॉल सटाउन क्लब मैदान)क सूचना पाबि जेना इन्होर पाइन ढाइर देल गेल हो सन मनोस्थित भगेलनि मुदा बाध्यता छलनि रंगकर्मी आ रंगमंडलक प्रतिष्ठा बचाएब. हमर संजोग एहेन अपन किछु व्यक्तिगत (उपनयन, विवाह, मूड़नादिक) काजसगाम आएल रही मुदा दोसर दिन (०२ मइ २०१५)क आयोजन दिन फुरसैतमे रही आ गाम सकरीब पैंतीस किलोमीटर दूर मधुबनी रहितो मित्र अभिनेता मुकेश झा निर्देशित आ महेन्द्र मलंगिया लिखित नाटक देह पर कोठी खसा दियआ प्रसिद्ध रंगकर्म निर्देशक देवेन्द्र राज अंकुर निर्देशित आ राजकमल चौधरी लिखित नाटक मैथिली नारी : चारि रंगकेर प्रत्यक्षदर्शी बनबा लेल जखन टाउन हॉल पहुँचलौं तअनायास स्थान परिवर्तनक सूचना पाबि कने अचंभित भेलौं मुदा परिवर्तित स्थान कनिके दूर हेबाक कारणें स्थान पर पहुँचलौं.

स्थान परिवर्तन ओतेक नैं अखरल मुदा अखरल छल हॉल सबदलिकफूजल अकास तरक व्यवस्था कारण हॉलमे ध्वनिक संतुलन आ प्रकाश व्यवस्था नाटकक मूल रूप संग तालमेल बना सुन्नर भाव प्रस्तुति सह आकर्षक लगैछ. जहमरा सन सामान्य प्रेक्षककें ई बात अखरल हेतैक तओहि रंगकर्मी लोकनिकें मनोदशाकें संबंधमे सोचबाक बेगरता देखबैछ जे लोकनि मंचक कोने-कोन कांटी ठोकि पर्दा टांगब सदर्शककें बैसलेल कुर्सी पसारबा सन व्यवस्था स्वयं केने हेता. दिनमे बरखा हेबाक कारणें थाल-कीच आ डाउंस सन-सन मच्छरक दंश झेलैत दर्शकक दुर्गतिकें सेहो अंदाजा लागाओल जा सकैछ.

ओतुक्का वस्तु-स्थित देखला पर हृदय एतेक व्यथित भगेल जे पहिल बेर एहेन भेल अछि जे नाटक देखलाक बाद समीक्षा वा रिपोर्ट लिखबा सबेसी आवश्यकता बूझि परल मिथिला मैथिलीक प्रति निकृष्ट मानसिकताकें उजागर करबाक. किछु सूत्र सज्ञात भेल जे टाउन हॉल मधुबनी सदरक बड़का-बड़का हाकिम लोकनिक टेनिस कोर्ट बनल अछि आ समूचा भारतमे ई एकमात्र नगर भवन होएत जतप्रेक्षक लोकनिकें बैसबा लेल आयोजककें कुर्सीकें व्यवस्था बाहर सकरय परैत छनि. एहिमे राजनीति वा मानसिक संकीर्णताकें कोन रूपे हस्तक्षेप छल से नैं जानि मुदा एतबा निश्चितरूपे आभास भेल जे मैलोरंग अपन दक्ष आ अनुसाशित टीमक संग परिपक्व अभिनय, निर्देशन, प्रकाश, ध्वनि, गायनादिकें सामंजस बैसबैत एकरा सुव्यवस्थित ढ़ंग ससंपन्न करैत संस्कृति आ रंगधर्मकें निमाहलनि. हिनका लोकनिक अदम्य साहस आ समर्पणताकें नमन करैत सदैत अग्रसर होइत रहबाक शुभकामना.