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Saturday, July 30, 2022

रक्त-सम्बन्ध, मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (राग-रंग)

संगीत नाटक अकादमीक सहयोग सँ अस्मिता आर्ट एंड कल्चरल फाउंडेशन द्वारा भारती आर्टिस्ट कॉलोनी, दिल्लीक नरेज्यान स्टूडियो मे मैथिली नाटक 'रक्त सम्बन्ध'क मंचन कएल गेल।

श्याम दरिहरे लिखित 'रक्त सम्बन्ध' एक युवा आ युवतीक प्रेम सम्बन्ध पर आधारित अछि जे प्रेम एकतरफा सँ दूतरफा सहमति बनबैत एक-दोसराकेँ मिलबैत अछि। किछु समयक पछाति ओएह प्रेमी युवकक अभिन्न मित्र जकर नजरि युवती पर रहैक, युवककेँ दारूक लत लगा छल सँ ओहि युवतीकेँ अपना चंगुल मे फँसा लैत अछि। बहुतो केस, मोकदमा, सामाजिक न्याय, प्रशासनिक व्यवस्था संग भावनात्मक सन्दर्भ आदिकेँ एक संग राखि एकर निराकरण पर केंद्रित अछि।

'रक्त सम्बन्ध'क परिकल्पना आ निर्देशन छल संतोष कुमारक जाहिमे मंच पर दीपक ठाकुर, ज्योति झा, संतोष कुमार, राजीव रंजन आदिक अभिनयक संग-संग पार्श्व सहयोग मे मुकेश झा, राजीव मिश्र, अमरजी राय, तरुण कुमार, अस्मिता कुमारी, राजेश बेनी, मायानन्द झा, नितीश कुमार आदि कलाकार लोकनिक सहयोग सँ नाटकक सफल मंचन भेल।
 

Saturday, July 23, 2022

मिथिला रंग महोत्सव, मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (राग-रंग)

मैलोरंग द्वारा आयोजित १६म मिथिला रंग महोत्सव जेकि दिनांक १३ जुलाइ,२०२२ (बुधदिन) क' राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्लीक सम्मुख सभागार मे सुप्रसिद्ध नाटककार स्व. लल्लन प्रसाद ठाकुर केँ समर्पित छल। एहि अवसर पर हुनक कृतित्त्व एवं व्यक्तित्व केन्द्रित रचनावली (मैलोरंग प्रकाशन सँ प्रकाशित पोथी) केर लोकार्पण आ तकराबाद हिनक लिखित दू गोट एकांकी ' चन्दा' 'ग्रीनरूम' क्रमशः मैथिली आ हिन्दी मे मंचित भेल।

लोकार्पणक अवसर पर अतिथि मंत्रेश्वर झा (सेवानिवृत्त आईएएस), सी.एम झा (चान्सलर, सीएमजे यूनिवर्सिटी), शेफालिका वर्मा (साहित्यकार), देवशंकर नवीन (साहित्यकार), कुसुम ठाकुर (धर्मपत्नी स्व. लल्लन प्रसाद ठाकुर), ज्वाला प्रसाद (रजिस्ट्रार, एनएसडी) एवं मुकुन्द ठाकुर (आईएएस अधिकारी) आदि लोकनि मंचस्थ रहथि। पुस्तक लोकार्पण सत्रक संचालन केलनि अजित आजाद आ शेष सत्रक संचालन प्रकाश झा।

मैथिली मे मंचित 'चन्दा' जाहिमे सामाजिक वा धार्मिक अनुष्ठानक नाम पर चन्दा उगाहीक विभिन्न तरीका केँ दर्शाओल गेल अछि एतावता जे पोलहा क', प्रसंशा क' ' आ अन्त मे बलपूर्वक देबा लेब बाध्य करबा सन परिस्थिति केँ सेहो देखाओल गेल अछि। हास्य-व्यंग्य-विनोद मिश्रित एहि नाटकक विषय खाहे तत्कालीन समयक परिवेशक बोध करबैत हो मुदा वर्तमानक परिस्थिति मे सेहो जहिनाक तहिना इंगित करैत अछि। मंच पर राजीव रंजन, ज्योति झा, साक्षी, सुरभि, कंचन, स्नेहा, हर्ष राज, ऋत्विक राज, आयुष्मान, अनिमेष, हर्ष मनु, आर्यन पंत, नीरव निशांत, अभिनाश, प्रदीप मंडेल, हर्ष सागर आदिक उपस्थिति आ अभिनय बेस मनोरंजक रहल।

हिन्दी मे मंचित नाटक 'ग्रीन रूम' जेकि कोनो नाटकक पूर्वाभ्यास सँ ल' ' मंचित हेबा धरिक विभिन्न घटनाक्रम केँ बेस रोचक ढ़ंग सँ प्रस्तुत कएल गेल अछि। एक नाटकक निर्देशक केँ अपना-अपना धुन मे मस्त कलाकार लोकनिक संग सामंजस बैसाएब आ इच्छाक प्रतिकूल पात्रक चयन करबा सन परिस्थिति मे नाटकक मंचन करब कतेक चुनौतीक काज थिक तकरा हास्य रूपे प्रस्तुत करबामे अनिमेष, सुरभि, साक्षी, अभिनाश, प्रदीप, नीरव, दिव्यांशी, अभय, संस्कृति, भुवनेश, हर्ष, आर्यन आदि कलाकारक तालमेल उपस्थित प्रेक्षककेँ आदि सँ अन्त धरि गुदगुदबै मे सफल रहल।

मंचक पार्श्व मे अनिल मिश्रा (संगीत), दीपक यात्री (फोटोग्राफी) पिंटू झा प्रेम, हर्ष राज, साक्षी, सुरभि, धर्मवीर, कनुप्रिया आ मार्गदर्शकक रूप मे प्रकाश झा, राजीव रंजन, अंजू अहलूवालिया, रमण कुमार, ज्योति झा आदि। 

Monday, July 11, 2022

एक टुकड़ा पाप, मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (राग-रंग)

रंगकर्मक प्रसिद्ध संस्था 'बारहमासा' द्वारा मैथिली नाटक 'एक टुकड़ा' पाप केर मंचन नरेज्यान स्टूडियो, भारती आर्टिस्ट कॉलोनी, पूर्वी दिल्ली मे भेल।

मैथिलीक सुप्रसिद्ध नाटककार महेन्द्र मलंगिया लिखित नाटक 'एक टुकड़ा पाप' बाल मनोविज्ञान पर आधारित अछि। प्रौढ़ होइत बच्चाक संवेदनशीलता , स्वाधीनता , चंचलता आ निःश्च्छलता पर अभिभावक द्वारा जे अनावश्यक दबाव बनाओल जाइत अछि , तथाकथित अनुशासनक नाम पर जे भयाक्रांत माहौल मे राखल जाइत अछि तकरहि दुष्परिणाम केँ नाटकक माध्यम सँ देखाओल गेल अछि। समाजक प्रबुद्ध लोक सेहो सीमित अधिकारक संग अभिभावक केँ बुझेबाक प्रयास करैत छथि, मुदा स्वभाववश कठोर एहेन अभिभावकक मानसिक सोच मे कोनो खास परिवर्तन नहि होइत छैक। परिणाम ई होइत अछि जे माता-पिता द्वारा प्रताड़ित हेबाक डर सँ चरेबा लेल ल' गेल पारी केँ रेल दुर्घटना सँ बँचबैत स्वयं दुर्घटनाक शिकार भ' जाइछ आ अल्प वयसहि मे काल कवलित भ' जाइछ।

समाजक पढल-लिखल लोक जिनका संग ओ अपन हरेक सुख-दुख केँ साझा करैत छल अपन वेदना व्यक्त करैत रहैत छल। माता-पिताक स्वभाव सँ तंग आबि हुनका लोकनिक आँखि सँ दूर कतौ जा श्रमक बले आत्मनिर्भर बनि अपन मनोनुकूल जीवन जीबय चाहैत छल जाहि मे हुनक सहयोग चाही छल, मुदा एहि निर्णयक सम्बन्ध मे हठात स्वीकृति देबा मे मौन रहलाह। एहि अनापेक्षित दुर्घटनाक बाद हुनका सँ अनजाने मे भेल मौन प्रतिक्रिया एक पाप समान छल जकर प्रायश्चित करबाक लेल आब किछु नहि बाँचल छल आ यैह 'एक टुकड़ा पाप' छल जे हुनका लेल आजीवन कचोटक विषय बनि गेल।

बारहमासा द्वारा मंचित एहि नाटकमे पात्रक संख्या सीमित अछि (एकटा स्त्री पात्र आ चारिटा पुरुष पात्र) मुदा से प्रत्येक पात्र अपनाआपमे महत्वपूर्ण अछि।

मैथिली रंगमंच मे नियमित उपस्थिति देनिहार संतोष कुमार एक एहेन अनुभवी अभिनेता छथि जिनकर संवाद प्रस्तुति, भाव-भंगिमा आ प्रतिक्रियाक समय देखि दर्शक चकित रहि जाइ छथि। हिनक अभिनयक सीमा अवधि न्यून हो वा अधिक हो, दर्शककेँ अपना पात्र संगे आदि सँ अन्त धरि बान्हि रखबामे सक्षम अभिनेता छथि। नाटक मे पिताक भूमिका मे उत्तम प्रस्तुति देलनि अछि। मनीषा मिश्र जे एकमात्र महिला पात्र छथि मायक भूमिका मे उत्कृष्ट काज केलनि अछि। मैथिली रंगमंच मे एहि नवोदित अभिनेत्रीक प्रवेश कम समय मे दर्शकक ध्यान आकृष्ट करबा मे बेस सफल रहल अछि। आउ गप्प करी हरफनमौला रंगकर्मी मायानंद झाक जे कोनो पात्रकेँ मंच पर उतारबा सँ पहिने स्वयं केँ ओहि रूप मे तैयार करैत छथि आ तैं उत्कृष्ट प्रस्तुति देबा मे सक्षम देखल जाइ छथि। प्रबुद्ध आ जागरूक व्यक्तिक भूमिका मे आन नाटक जेकाँ एहि बेर सेहो अपन अभिनय सँ दर्शक केँ प्रभावित कयलनि अछि।

नाटकक केन्द्रीय पात्रक भूमिका केँ मनु कुमार झा पूर्ण इमानदारी सँ निमाहलनि अछि। मनुक अभिनयक विशेषता ई छल जे मंच पर उत्तम प्रस्तुति देबा लेल ओहेन सभटा अनुशासनक पालन करैत देखल गेलाह जेकि एकटा नवोदित कलाकार वास्ते सभसँ आवश्यक तत्व अछि । एहि नाटकमे मनु झाक उपस्थिति अनेक दृष्टिएँ एकटा आवश्यक अभिनेताक रूप मे देखल गेल। मनु झाक रंगमंचक प्रति अनुराग आ लगन देखि ई आश्वस्त भेल जा सकैए जे भविष्यक एक नीक अभिनेता छथि। अभिषेक आयुष जे कि सहायक पात्र एक सेवकक रूप मे देखल गेलाह नीक अभिनय केलनि तथापि एक अभिनेताक रूप मे आर बेसी संभावना छनि जकरा दर्शकक सोझा राखब आवश्यक बुझना जाइछ।

नाटकक बीचमे प्रयोग सांकेतिक अभिनय मुकेश झाक प्रयोगधर्मी निर्देशन पक्षकेँ उजागर करैत अछि। निश्चित रूपसँ नाटकक सफल सम्पादनक श्रेय एहि नाटकक निर्देशक मुकेश झाक संग बरहमासाक सगर टीमकेँ जाइत अछि।

मंचक पाछाँक सहयोगी दीपक ठाकुर (गीत), प्रसून नारायण श्रीवास्तव (संगीत), मुकेश झा (प्रकाश), पुष्पा झा (मेकअप), पूनम सिंह (वेशभूषा), तरुण कुमार (मंच व्यवस्था), राजेश कुमार बेनी (प्रस्तुति नियंत्रण), दीपक यात्री (छायाचित्र) आदि लोकनिक समवेत प्रयासक परिणाम थिक नाटकक सफल मंचन।

प्रायः 'बकलेल' 'लोंगिया मिरचाइ' नाटक सँ जन-जनकेँ लोकप्रिय नाटककार लल्लन प्रसाद ठाकुर पर केन्द्रित आ समर्पित १६म मिथिला रंग महोत्सवक आयोजन कय मैलोरंग पुनः एक बेर साबित केलक अछि जे मैथिली रंगमंच मे योगदान देनिहार प्रत्येक कलाकार ओ नाटककारक प्रति ई समाज कृतज्ञ अछि आ रहत।