भाषा सेवा लेल आंशिक योगदान, अपने लोकनिक अवलोकनार्थ। क्लिक कय पढ़ल/देखल/सुनल जा सकैत अछि :

रिपोर्ट (63) अखबारक पन्ना (33) ऑडियो/वीडियो (21) मैथिली नाटक (19) कथा मैथिली (18) मैलोरंग (16) मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (14) दैनिक जागरण (12) मैसाम (10) मैथिली फिल्म (8) साक्षात्कार (8) मैथिली-भोजपुरी अकादमी (6) आलेख (5) ऑफिसक अवसर विशेष पर (3) झलक मिथिला (3) नवभारत टाइम्स (3) पाठकीय प्रतिक्रिया (3) बारहमासा (3) मैथिली पोथी (3) अखिल भारतीय मिथिला संघ (2) अछिञ्जल (2) अपराजिता (2) कथा मंचन (2) दीपक फाउंडेशन (2) मिथिला स्टूडेंट यूनियन (2) मिथिलांगन (2) मैथिली पत्र-पत्रिका (2) मैथिली लघु फिल्म (2) यात्रा संस्मरण (2) विश्व मैथिल संघ (2) सम्मानक सम्मानमे (2) हिन्दुस्तान टाइम्स (2) अस्मिता आर्ट्स (1) एकेडमी ऑफ़ लिटरेचर आर्ट एंड कल्चर (1) डी डी बिहार (1) देसिल बयना हैदराबाद (1) धूमकेतु आर्ट्स (1) भारती मंडन (1) मिथिला मिरर (1) मिनाप (1) मैथिली एलबम (1) मैथिली कथा (1) मैथिली जिन्दाबाद (1) मैथिली धारावाहिक (1) मैथिली पत्रकार (1) मैथिली लोकमंच (1) मैथिली संबोधन (1) विदेह (1) साझी धुआँ (1) साहित्य अकादेमी (1) साहित्यिक चौपाड़ि (1) स्वरचित (1) हिन्दी नाटक (1)

मुख्य पृष्ठ

Friday, March 11, 2022

अनन्तसामर्थ्यसम्पन्ना, मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (समाद)

स्त्री दिवसक उपलक्ष्य मे ‘अपराजिता' नामक संस्था द्वारा 'अनन्तसामर्थ्यसम्पन्ना' कार्यक्रममे

दिल्लीक दत्तोपंत ठेंगरी भवन मे बहुतायत संख्या मे महिलाक उपस्थिति देखल गेल । विभिन्न सत्र मे विभाजित ई कार्यक्रम दीपप्रज्ज्वलन आ गोसाउनिक गीत संग प्रारंभ भेल । स्मिता झा लिखित एवं अभिनीत एकल नाटक ' दहेज प्रथा' प्रस्तुत कएल गेल जकर निर्देशन केलनि सोनी नीलू झा । विमर्श सत्र मे क्रमशः ‘मैथिली रंगमंच मे स्त्री’ पर पूनम श्री, दीपा मिश्रा, पुष्पा झा, प्रियदर्शिनी पूजा आदि लोकनि अपन विचार रखलनि ।

‘मैथिली सहित्य मे स्त्री’ पर डॉ. ललिता झाक अध्यक्षता मे कुमकुम झा, आभा झा, जयंती झा, छाया झा आदि लोकनि अपन विचार रखलनि ।

‘नारी सशक्तिकरण आ समाज’ पर रत्न आभा झा चौधरी, अणुशक्ति सिंह, विजयालक्ष्मी झा आदि लोकनि अपन विचार रखलनि । नृत्य संसार मे तेजी सँ उभरि रहल ललना अशिति झा ‘जय जय भैरवि’ पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत केलनि । बंदना झा हास्य प्रस्तुति देलनि । सोनी नीलू रचित 'औनी पथारी' काव्य संग्रह आ दीपा मिश्र द्वारा संपादित एक सय एकाबन कवयित्रीक काव्य संग्रहक पोथी 'मैथिली'क विमोचन सेहो भेल । 

सभसँ अंतिम सत्र 'काव्य पाठ'क छल । डॉ. आभा झाक अध्यक्षता एवं अनुराधा झाक संचालन मे कवयित्री आभा झा, मुन्नी कामत, निवेदिता झा, पूनम झा सुधा, सांत्वना मिश्रा, ज्योति झा, रीना झा शर्मा, स्वाति साकम्भरी, आरती प्रिया, छाया झा, स्वाती झा, मधुलता मिश्रा सहित दर्जनाधिक कवयित्री लोकनि अपन प्रस्तुति सँ उपस्थित श्रोताकें मुग्ध केलनि ।

Tuesday, March 08, 2022

सीता बनबास, मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (राग-रंग)

मैथिली रंगमंच मे नव-नव संधान हेतु चर्चित रंगमंडल ‘मैलोरंग’ द्वारा उर्दू एवं हिंदीक प्रसिद्ध लेखक ‘आगा हश्र कश्मीरी’ रचित पारसी नाटक 'सीता बनबास'क मंचन लक्ष्मीनगर,दिल्ली मे ‘ब्लैक पर्ल आर्ट्स रूफ थियेटर’ मे भेल. आगा हश्र रचित ‘सीता बनबास’ नाटक अपना समयक सभसँ बेसी लोकप्रिय पारसी नाटक मे सँ एक महत्त्वपूर्ण नाटक रहल अछि. नाटकक प्रसंग बाल्मीकि रामायण सँ लेल गेल अछि जकरा लेखक नाट्य शैली अंदाज मे प्रस्तुत केलनि अछि. नाट्य प्रस्तुति हिंदी मे छल आ एकर निर्देशन केलनि अछि श्याम कुमार सहनी.

नाटक मे राम और सीताक एक दोसराक प्रति कर्त्तव्य, प्रेम, मर्यादा, विश्वास आ श्रद्धाक जाहि स्वरूपकेँ दर्शाओल गेल अछि से नहि मात्र भारतीय संस्कृतिक आत्मा अछि अपितु पीढ़ी-दर-पीढ़ी एकरा शिक्षा ओ प्रेरणाक रूपमे आत्मसात कएल जा सकैत अछि. राम जाहि तरहे राजधर्म पालन हेतु अपन समस्त सांसारिक सुखक परित्याग करैत चल गेला एतावता सीता सन धर्मपारायण स्त्री धरिक परित्याग कय देलनि ताहि सीताक स्त्रीत्व हुनक मर्यादा निर्वहन मे सहगामिनी बनि अपन करुणा आ आदर्शक परिचय देलनि.

मुक्ताकाश मंच पर कोनो नाटकक प्रस्तुति सँ पूर्व मंच, प्रकाश, ध्वनि आदि परिकल्पना हेतु बेस तामझामक आवश्यकता होइछ मुदा मैलोरंग अपन कलाकार केँ नहि मात्र अभिनय प्रशिक्षण धरि सीमित रखने अछि एते धरि जे मंचक पार्श्व मे विभिन्न तरहक प्रक्रिया नियंत्रण हेतु सेहो सक्षम बनबैत अछि आ ओएह सक्षमता एहि ठाम प्रत्यक्षतः देखल गेल.        

मैलोरंगक एहि प्रस्तुति मे अधिकाधिक नव प्रशिक्षु कलाकार देखल गेलाह जाहिमे मंच पर उपस्थित पात्र राम (हर्ष मनु), सीता (साक्षी झा), पृथ्वी/उर्मिला (अनुराधा झा), लव (सुरभि झा), कुश (कनुप्रिया झा), रजकी (स्वेता आर्या), दुर्मुख (पिंटू झा प्रेम), बाल्मीकि (आयुष्मान झा), वशिष्ठ (अविनाश कुमार), मांडवी (रितु राज), लक्ष्मण (उत्कर्ष रंजन), भरत (भुवनेश चौहान), शत्रुघ्न (आर्यन पंत), हनुमान (हर्ष सागर), रजक (प्रदीप कुमार), विभीषण (लवीश जिंदल), अंगद (उज्जवल वत्स), सुग्रीव (उत्सव वत्स) आदि प्रत्येक कलाकार अपन श्रेष्ठ प्रदर्शन देबाक प्रयत्न करैत दर्शक दिसिसँ प्रोत्साहनक थोपड़ी बजबेबामे सफल रहलाह.  

पार्श्व मंच पर संजीव बिट्टू (प्रकाश परिकल्पना), विकास जय (संगीत), पिंटू झा प्रेम (मंच प्रबंधन), आयुष्मान झा (ध्वनि व्यवस्था) आदि कलाकार लोकनिक सहयोग सँ डॉ. प्रकाश झाक समुचित मार्गदर्शन मे उक्त नाटक सफलतापूर्वक संपन्न भेल.