मधुबनी जिलान्तर्गत मौआही गामक निवासी नीलेश कुमार दीपक छात्र जीवनहि सँ रंगमंचक
प्रति आकर्षित रहलाह अछि । रंगप्रेमी हेबाक कारणे हिनक अभिरुचि अभिनय आ निर्देशन
मे प्रारम्भहि सँ रहल आ इएह कारण छल जे जीवनयात्राक क्रममे गाम होय वा दिल्ली सभ
ठाम मात्र और मात्र अही विधाकें अपन कैरियरक प्राथमिकता मे रखलनि । मधुबनी स्थित
जगदीश नन्दन महाविद्यालय मे आयोजित एकल अभिनय प्रतियोगिता मे ‘संवदिया’क चरित्र निर्वहन सं दर्शक कें अचम्भित करैत
ई युवा अपन कला-कौशलक विस्तार हेतु विधिवत शिक्षा प्राप्ति उपरान्त राष्ट्रीय
राजधानी दिल्ली आबि गेलाह ।
नीलेश दीपक केर रंगकर्मक प्रारब्ध भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा), मधुबनी सँ भेल
आ से शनैः-शनैः निरन्तर गतिए देशक जानल-मानल रंगसंस्था, प्रसिद्ध निर्देशक,
प्रसिद्ध अभिनेता आदि लोकनिक सान्निध्य मे रंग प्रशिक्षण आ तकरा बाद कतेको मैथिली
एवं हिन्दी नाटकक संगे फ़िल्म एवं धारावाहिक आदि मे हिनक सक्रिय भूमिका दर्शक
लोकनिकें देखबा लेल भेटल ।
वर्ष २००१ मे पटना मे केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी द्वारा आयोजित ‘युवा
रंगकर्मी नाट्य कार्यशाला’
एवं वर्ष २००६ मे संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय
छात्रवृत्ति योजना’क अन्तर्गत रंगमंच हेतु प्रशिक्षित छथि ।
देशक प्रतिष्ठित रंगनिर्देशक मोहन महर्षि, कीर्ति जैन, के.एस.राजेन्द्रन, संजय उपाध्याय, सुमन कुमार आदि लोकनिक संग रंगकार्यक नीक अनुभव छनि ।
रंगमंच पर ‘जल डमरू बाजे’, ‘ललका पाग’, ‘महुआ चरित’, ‘औरंगज़ेब’, ‘सूर्य की अंतिम किरण से पहली किरण
तक’ आदि नाटक मे अभिनय, टीवी एवं पर्दा पर उपस्थितिक क्रममे सौभाग्य मिथिला द्वारा
प्रसारित मैथिली धारावाहिक ‘जंगला-मंगला’, दूरदर्शन टीवीक चर्चित धारावाहिक ‘पाहुन’, मैथिली फ़िल्म ‘घोघ मे चान’, ‘हमर सौतिन’, ‘छूटत नहि प्रेमक रंग’ आदि मे अभिनयक संग-संग
अविनाश दास निर्देशित हिन्दी फ़िल्म ‘अनारकली ऑफ आरा’ मे सेहो अभिनय केलनि ।
अभिनयक संग-संग निर्देशन मे सेहो हिनक हस्तक्षेप समान रूपे होमय लागल । हिनक
सफल निर्देशन मे दर्जनाधिक मैथिली एवं हिन्दीक प्रस्तुत नाटक मे ‘बिजुलिया भौजी’, ‘मलाह टोली (एक चित्र)’, ‘शवयात्रा के बाद
देहशुद्धि’, ‘निर्मोही बालम’, ‘भूख आग
है’, ‘शिवाले का प्रेत’, ‘केंचुली’ लेखक अरुणाभ सौरभक चर्चित
नमहर कविता ‘आद्य-नायिका’क रंगमचीय प्रस्तुति आदि प्रमुख अछि । बाल रंगमंचक अनुभव
संगे ‘संवदिया’, ‘अन्धेर नगरी’, ‘हम बच्चे हैं चाँद सा’, ‘सदाचार का ताबीज़’, ‘रसप्रिया, ‘आज़ाद बकरियाँ’, ‘रंग-अबीर’,
‘काबुलीवाला’ आदि नाटकक निर्देशन सेहो केलनि अछि ।
रंगमंच मे विशिष्ट योगदान हेतु साहित्य कला परिषद्, दिल्ली सरकार सँ ‘युवा नाट्य निर्देशक सम्मान’, सी.आर.डी, पटना सँ ‘भिखारी ठाकुर रंग सम्मान’ एवं मैलोरंग,दिल्ली सँ ‘श्रीकान्त मंडल रंग सम्मान’ सँ सम्मानित छथि । वर्तमान मे दिल्लीक बाल भारती स्कूल मे नाट्य शिक्षकक पद पर कार्यरत नीलेश दीपक रंगमंच, धारावाहिक, सिनेमा आदि मे समान रूप सँ सक्रिय छथि ।