२१ फरवरी
२०१७ क’
अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस केर उपलक्ष्यमे मैथिली
साहित्य महासभा,दिल्ली द्वारा कॉन्स्टीट्यूशन क्लबमे तृतीय वार्षिक
संगोष्ठी संपन्न भेल. ज्ञात हो कि संस्था द्वारा प्रतिवर्ष १४ फरवरी क’ वसंतोत्सवक अवसर पर मैथिल युवा कवि सम्मलेन, २१ फरवरी क’ वार्षिक संगोष्ठी आ किछु निश्चित समयांतराल पर मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार/लेखक
आदिक एकल व्याख्यान आ बर्ख २०१६ स’ मैसाम युवा साहित्य सम्मान (नगदी आ प्रशस्ति पत्र सहित) देबाक परम्परा सेहो
प्रारम्भ कएल गेल अछि जाहिमे पहिल सम्मान भेटल छल कोलकाता प्रवासी युवा कवि चन्दन
कुमार झाकें. एहि ठाम ई बात स्पष्ट करब एहि दुआरे आवश्यक अछि जे संस्था द्वारा साल
भरि किछु नें किछु साहित्यिक गतिविधि चलैत रहैत अछि जेकि संस्था द्वारा साहित्यक
प्रति गंभीरताक द्योतक अछि.
कॉन्स्टीट्यूशन
क्लबमे आयोजित एहि विशुद्ध साहित्यिक कार्यक्रममे वक्तव्य हेतु राखल गेल विषय छल “विद्यापतिक साहित्यमे सामाजिक संदेश”. कार्यक्रमक शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, महाकवि विद्यापतिक चित्र पर माल्यार्पण ओ गोसाओनिक गीत “जय-जय भैरवि” स’
भेल. स्वागत भाषणमे संस्थाक अध्यक्ष अमरनाथ झा विलुप्त होइत
अनेकानेक भाषा संबंधी डाटा संचयनमे मैथिली पर एहेन खतरा नैं आबय ताहि हेतु बेसी स’ बेसी प्रचार प्रसारमे नियमितता रखबाक नेहोरा कएलनि.
आमंत्रित अतिथि लोकनिकें तुलसिक गाछ आ महाकवि भोला लाल दास केर फ्रेमिंग फोटो
स्मृति चिन्ह सम्मान केर रूपमे देल गेल. संस्था द्वारा सम्मान हेतु उपरोक्त चयन
साहित्य पुरोधा संगहि प्रकृति संरक्षणक प्रति कृतज्ञताकें सेहो देखबैत अछि. उक्त
विषय पर आमंत्रित विद्वतजनमे डॉ. वीरेन्द्र मल्लिक,डॉ. पंकज मिश्र,
डॉ. श्रीधरम, गिरिजानंद झा “अर्धनारीश्वर”, रमेश जी आ अध्यक्षता केर भार देल गेल छलनि बर्ख २०१६ केर साहित्य अकादमी
पुरस्कार स’
सम्मानित साहित्यकार श्याम दरिहरेकें. विद्यापतिक साहित्यमे
सामाजिक संदेश विषय पर प्रत्येक वक्ता लोकनि अपन-अपन फरिछाएल दृष्टिकोण रखैत
मैथिली भाषाक महत्ता,माहात्म्य,पौराणिकता आ
समकालीनता पर वक्तव्य देलनि. कार्यक्रममे हिन्दी अकादमीक विशेष कार्याधिकारी
(कार्यक्रम) देवेन्द्र देवेश आ मैथिली भोजपुरी अकादमीक उपाध्यक्ष संजोय सिंह सेहो
मातृभाषाक महत्त्व पर प्रकाश देलनि.
सभागारक
मुख्य प्रवेश द्वार पर किछु संकलित मैथिली पोथी केर स्टॉल सेहो आकर्षण बढ़बैत छल.
कार्यक्रमक सञ्चालन टीवी पत्रकार कंत शरण द्वारा कएल गेल जेकि भाषानुरागी आ
साहित्यकारक मध्य नीक तालमेल बना सुन्नर सन शैलीमे पहुँचेबाक प्रयास करैत देखल
गेला. कार्यक्रमक सफलता हेतु छोट स’ छोट बातकें गंभीरता स’
लेल गेल छल आ से आयोजनक व्यवस्था स’ स्पष्ट देखल जा सकैत छल . अंतमे संस्थाक उपाध्यक्ष सुनीत
ठाकुर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन आ चाह पनपिआइअक संग आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न भेल.
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