अकैडमी ऑफ लिटरेचर, आर्ट एंड कल्चर के द्वारा आयोजित मैथिली बाल सहित्येत्सव में वच्चों का उत्साह देखते ही वनता था। 24 जनवरी को निर्माण विहार स्थित नरेज्यान स्टूडियो में आयोजित इस कार्यक्रम में 50 से अधिक बच्चों ने हिस्सा लिया। दिल्ली में पहली बार बच्चों के लिए मुख्य रूप से मैथिली में आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों ने साहित्य की विधा कविता और कहानी का पाठ तो किया ही, अपने गीत, नृत्य और अभिनय प्रतिभा से भी प्रभावित किया।
शालिनी ठाकुर की गोसाओनि गीत 'जय-जय भैरवी' से कार्यक्रम
की शुरुआत हुई। इसके बाद आकृति झा ने मंगलगान की प्रस्तुति दी। उद्घाटन सत्र के समापन
के पश्चात बाल नृत्य (झिझिरकोना) का आयोजन हुआ जिसमें अदिति झा ने भगवती गीत पर शानदार
नृत्य प्रस्तुत किया। मैथिली लोकगीत पर नृत्य की प्रस्तुति अशिति झा एवं अक्षिता झा
ने दी, जिसमें दर्शक निरंतर तालियों से दोनों बच्चियों का उत्साहवर्धन 'करते रहे।
'अलिया गे मलिया गे' सत्र में स्वरित उत्कर्ष झा, सलिल
कुमार झा, आन्या झा, साक्षी झा, आयुष पाठक, शुभ्रांगी झा, परिधि झा, निशा झा, शाम्भवी
दत्त झा, अदिति झा, अक्षित झा, लावण्या झा, प्रत्यूषा झा, धीरज झा सहित लगभग दो दर्जन
से अधिक बच्चों ने भाग लिया और अपने काव्य वाचन की कला से लोगों को प्रभावित किया।
सोनी झा लिखित एवं निर्देशित एकल नाटक 'मां' का मंचन धीरज झा ने किया, जिसने सभागार में उपस्थित लोगों को भाव-विभोर कर दिया । ‘कालक पहरा' सामूहिक नाट्य प्रस्तुति में निखिल झा, लोकमान्य झा, नीरज झा ने अभिनय का लोहा मनवाया।
No comments:
Post a Comment