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Monday, May 21, 2018

गजब केँ रूप सजेने छी : अमर आनन्द


'गजब केँ रूप सजेने छी' मनोज झाजी केर कलम सँ निकलल शब्दकेँ संगीतबद्ध केने छथि रजनीश मिश्रा जकरा सुमधुर स्वर सँ सुसज्जित केने छथि अररिया जिलाक रानीगंजक संगीतसेवी अमर आनन्द आ तकरा अपन अभिनय सँ जीवन्त करबामे सहयोग केने छथि फारबिसगंज निवासी युवा अभिनेता आमिर समर खान आ अभिनेत्री लजीना सुबेदी जकर निर्देशन केने छथि संतोष सरकार। एकमात्र गीतक शूटिंगमे ड्रोन,कैमरा, नृत्य, मेकअप, अभिनय, लोकेशन, वस्त्र-विन्यास आदिकेँ जाहि उपयुक्तताक संग प्रयोग कएल गेल अछि संभवतः कएक टा मैथिली फीचर फिल्म मे एहेन प्रयोग नहि देखबामे अबैछ।

विगत तीन दिनमे एक मात्र गीतकेँ करीब दस बेर सँ बेसी सूनि चुकल छी। कारण? कारण स्पष्ट अछि जे एहेन सुन्नर गीत,संगीत,स्वर,अभिनय आ तकनीकक पूर्ण उपयोग कम्मे देखबामे अबैछ। भाषाक अस्मिता बचेबा लेल आवश्यक अछि आधुनिकताक संग-संग अपन संस्कारक सेहो संरक्षण हुअए। एखन एहि गीत मात्र पर केंद्रित प्रतिक्रिया,एकरा कोनो आन संदर्भ सँ नै जोड़ल जाए।

ई बात सत्य अछि जे एहि मैथिली एलबमक एक्कहु टा कलाकार वा तकनीकी टीम सँ प्रत्यक्ष वा परोक्षहु रूपे हमर कोनो संबंध/परिचय नहि अछि मुदा तैयो ई पोस्ट करबा लेल बाध्य भेलौं। कहिक' प्रतिक्रिया लेबाक होड़ मे दिन भरिमे कतेको व्हाट्सएप माध्यम सँ गीत सभक लिंक भेटैत अछि, एक त' समयाभाव आ दोसर मनोनुकूल गीत/वीडियो नै भेटला पर ओत्तहि बिसरि जाएब उपयुक्त बुझना जाइत अछि।

एहिमे कोनो दूमत नहि जे आजुक समय मे मैथिली गीत-संगीत सँ बहुत कलाकार लोकनिक रोजी-रोजगार चलि रहल छनि। जँ अपन भाषा सँ लोकक रोजी-रोजगारक चलय त' एहि सँ सुखद आर की! विगत किछु वर्ष मे नवागन्तुक कलाकार लोकनिक संख्यात्मक वृद्धि सेहो देखबामे खूब अबैछ मुदा गुणात्मक स्तर पर दू-चारि साल मे एकबेर कहियो तेहेन सन कर्णप्रिय गीत सुनबामे अबैत अछि। एक सामान्य श्रोताक रूपमे जँ किनको शब्द रूचैत अछि त' स्वर खटकैत अछि, जँ शब्द आ स्वर रूचैत अछि त' धुन खटकैत अछि आ जँ एहि तीनू सँ संतुष्टि भेटैत अछि त' वीडियो खटकैत अछि। कहबाक अभिप्राय जे आधुनिक तकनीकी जुगमे मैथिली गीत-संगीत मे उपरोक्त सभ तथ्यकेँ समावेश करबाक क्षमता अछि हमरा लोकनि मे मुदा अल्प समय मे अत्यधिक प्रसिद्धि सन महत्त्वाकांक्षा नहि त' कलाकारकेँ दीर्घकालीन रोजगार दय सकैत छनि आ नहि हुनका द्वारा भाषा संरक्षण-संवर्धनक कोनो तेहेन ठोस आसे कएल जा सकैछ। नीक वस्तु सोझा रखबै त' हम नहि, अहाँ नहि मुदा कियो ने कियो कहतै जरूर वाह !वाह !

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