एक
लगनशील आ कर्मठ युवा जे कॉलेजक समयमे हमर जूनियर रहथि। कहियोकाल किछु मार्गदर्शन द' सहयोग क' देल करियनि। सिनेहवश कखनो भैया
कहथि आ कखनो गुरू सेहो मानि लेथि। हुनक कठिन संघर्षक साक्ष्य रहल छी। मधुबनी
छोड़लाक बाद कोनो सम्पर्क नहि। पनरह बर्खक बाद दिल्लीमे एकदिन कोनो कार्यक्रममे
अनायास भेट होइ छथि। कार्यक्रम समापनोपरांत दू घंटा धरि ठाढ़े-ठाढ़ बहुत रास
गप्पसप्प भेल। अपन संघर्षक बले वर्तमानमे आर्थिक रूपे सुव्यवस्थित भ' गेल छथि। एहेन लोक जखन आर्थिक रूपे सम्पन्न होइ छथि त' समाजसेवा प्रति जागरूक होइ छथि आ ताहि लेल लोक राजनीतिकेँ रुट बना किछु
करबाक यत्न करै छथि। हिनको संग सएह भेल।
२०१५ मे
विधानसभा चुनाव लड़बा लेल पहिनहि सँ फाँड़ बान्हि तैयार रहथि। हमरा सँ बैनर-पोस्टर
आदि लेल उपयुक्त सामग्री लेखन हेतु अपेक्षा भावे अनुरोध केलनि। सहर्ष स्वीकारि
लेलियनि। हम अपन शर्त राखि देने रहियनि जे हम मात्र मैथिलीमे लीखिक' देब। शर्त मानि त' लेलनि मुदा स्थानीय
संगतक असैर सँ मैथिली प्रति कठोर सन। तर्क इएह जे भैया अहिठाम कियो मैथिलीमे
बैनर-पोस्टर पसीन नहि करै छथिन। घोर आश्चर्य भेल जे हमर जाहि वस्तुक मोल दुनियाँ
बुझैत अछि ताहि वस्तुक प्रति अपनहि समाङ्ग मे एत्ते हीनभावना? हमर तर्क छल जे अहाँ हटिक' किछु करू,अपन वस्तुक मोल अपनहि बुझू आ अपन लोककेँ बुझाउ। अपन भाषा सँ लोककेँ आर
बेसी आत्मीयताक बोध होइत छैक, अहाँक लगीच आबि सहयोगात्मक भाव
सँ जुड़ता, मुदा......अंत-अंत धरि हमरा ओएह सुनाओल जाइत रहल
जे हम नहि त' सुनबा लेल तैयार आ ने ओ बुझबा लेल तैयार।
अन्ततः हम अपन सिद्धांत पर अडिग रहलौं आ ओ रांगल सियारक संग रंगाइत रहला,अस्तु!
माननीय
प्रधानमंत्री मोदी जीक मैथिली संबोधनकेँ चाहे जाहि कोनो राजनीतिक परिप्रेक्ष्यमे
देखल जाइत हो मुदा मिथिला क्षेत्रक स्थानीय नेताक मुँह पर प्रत्यक्षतः कारिख पोति
आइना सेहो देखौने गेलाह। जनप्रतिनिधिक मतलब मात्र ई नै होइ छै जे राज्य वा
केंद्रीय स्तर पर परिचयात्मक घनिष्ठता बढ़ला सँ जीवनक एकपक्षीय उद्देश्य पूर्ति भ' जाए। महत्त्व रखैत छै जे अहाँ स्थानीय लोक,संस्कृति,भाषा आदिक संरक्षण ओ संवर्धन हेतु कतेक सजग
छी। राष्ट्रीय मीडियाक कवरेज मे एबा लेल शपथ चाहे मैथिलीमे लैत होइ मुदा किछु
अपवाद छोड़ि अधिकाधिक जनप्रतिनिधिक चुनाव प्रचारक पोस्टर,बैनर,विज्ञापन, संबोधनमे मैथिलीक कोनो स्थान नहि देखि
दुःख होइत अछि।
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