मिथिला
मैथिलीक प्रति समर्पित जे जोगरक लोक सभ छथि ओ सोशल मीडियाक बेस सदुपयोग क’ रहला अछि आ जुनूनी लोक सभकें एक-दोसरा स’ जुइट क’ अपन मन मोताबिक
काज करबामे सेहो सहूलियत भ’
रहलनि अछि । देसक राजधानी दिल्लीमे विगत २१ फरवरी, २०१५क’ अंतर्राष्ट्रीय
मातृभाखा दिवस पर स्थापित संस्था “मैथिली साहित्य महासभा”
भव्य आयोजनक संग एकर स्थापना केने छल आ एकरा एकटा मूर्त रूप
देबा लेल अपन कटिबद्धताकें सार्वजनिक घोषणा केने छल । एहि घोषणाक निर्वहन करैत
विगत १६ अप्रैल,२०१५ (वृहस्पति दिन)क’ जागरूक आ समर्पित युवा सदस्य हितेन्द्र गुप्ता, अमरनाथ झा, संजीव सिन्हा,
रमानाथ झा, प्रकाश झा, संजय झा “नागदह”, हेमन्त झा, अमित चौधरी,मनीष झा “बौआभाइ”, सतीश वर्मा आदि लोकनिक मध्य एक बैसार भेल, एहि बैसारक आयोजन छल पूर्वी दिल्लीक शकरपुर स्थित
एल.एन.मीडियाक कार्यालयमे जकर अध्यक्षताकें जिम्मा सौंपल गेल वरिष्ठ पत्रकार
हितेन्द्र गुप्ताकें ।
मैथिली
साहित्यक भूत,भविष्य आ वर्तमानक स्थितिक चर्च-बर्च करैत पत्र-पत्रिकाक
उपलब्धता हेतु एक सुनिश्चित केंद्र निर्धारित करबाक क्रममे हितेन्द्र गुप्ता
संचालित एल.एन.मीडिया नेटवर्क स्वयं आगाँ बढि कार्यालयक उपयोग हेतु सहमति देलक ।
स्थानक समस्याक समाधान भ’
गेल जेकी सभस’ बेसी आवश्यक छल आ तदुपरांत पोथी रखबाक वास्ते अनबारी सेहो चाही जे उपलब्ध
करेबाक जिम्मा लेलनि अमित चौधरी । कहबाक अभिप्राय जे उद्देश्य सार्थक हो त’ अर्थ वा व्यवस्था कखनो बाधक नैं भ’ सकैत अछि । अर्थोपार्जनमे व्यस्त सभ गोटे जेना-तेना तालमेल
बैसबैत निर्धारित समय पर पहुँचला आ अपन-अपन सहभागिता संग मंतव्य रखैत एकरा
निष्पादित केलनि आ नियमित रूपस’ सभ मासक अंतिम
वृहस्पति दिन संध्या काल पाँच स’ सात बजे धरि
बैसार करबाक सहमति रखैत आह्वान केलनि जे समस्त प्रकाशक आ लेखक लोकनि अपन-अपन
प्रकाशित किछु पोथी साधारण डाक/रजिस्ट्री/हस्तगत वा कुरियर आदिकें माध्यमें पठाबथि
आ इच्छुक मैथिल कीनक’
पढ़बा लेल सेहो संपर्क करथु ।
पत्राचारक
पता अछि : एल.एन.मीडिया नेटवर्क, एम.बी.५७ बी,गली सं.-२,नजदीक-निर्माण
विहार मेट्रो स्टेशन,शकरपुर,दिल्ली-९२ ।
मैथिली
साहित्य महासभा आगामी ३१ मई,२०१५ (रविदिन)क’ मैथिलीक नवोदित ओ नव कविक कविता शैलीमे अपेक्षित निखार आ
चमक अनबा लेल अनुभवी आ लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार लोकनिक मार्गदर्शनमे एकदीना
कार्यशाला (वर्कशॉप)कें आयोजनक नियार सेहो केलक आ एहि संयोजन सह सञ्चालन समितिक
सदस्यक रूपमे जिम्मा सौंपल गेल युवा कवि/लेखक विनीत उत्पल,मनीष झा “बौआभाइ”,विजय झा आ संजय झा ‘नागदह”कें । ओना समय,स्थान आदिकें निश्चय प्रशिक्षक साहित्यकार आ हॉल आदिक उपलब्धता पर निर्भर करैत
अछि जेकि प्रक्रियामे अछि आ जल्दिए एकर अंतिम रूपरेखाकें घोषणा सार्वजनिक कएल जाएत
।
कहबाक
अभिप्राय जे मिथिला-मैथिलीक प्रति भारत-नेपाल समेत आनो-आनो देसमे रहनिहार मैथिलजन
अपन क्रिया कलाप स’
मिथिलाक अस्तित्व बचेबा लेल बिना कोनो मीन-मेखकें जी-जान स’ लागल छथि आ तदनुरूप स्वप्न साकार होइत देखा रहल अछि ।
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