भाषा सेवा लेल आंशिक योगदान, अपने लोकनिक अवलोकनार्थ। क्लिक कय पढ़ल/देखल/सुनल जा सकैत अछि :

रिपोर्ट (63) अखबारक पन्ना (33) ऑडियो/वीडियो (21) मैथिली नाटक (19) कथा मैथिली (18) मैलोरंग (16) मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (14) दैनिक जागरण (12) मैसाम (10) मैथिली फिल्म (8) साक्षात्कार (8) मैथिली-भोजपुरी अकादमी (6) आलेख (5) ऑफिसक अवसर विशेष पर (3) झलक मिथिला (3) नवभारत टाइम्स (3) पाठकीय प्रतिक्रिया (3) बारहमासा (3) मैथिली पोथी (3) अखिल भारतीय मिथिला संघ (2) अछिञ्जल (2) अपराजिता (2) कथा मंचन (2) दीपक फाउंडेशन (2) मिथिला स्टूडेंट यूनियन (2) मिथिलांगन (2) मैथिली पत्र-पत्रिका (2) मैथिली लघु फिल्म (2) यात्रा संस्मरण (2) विश्व मैथिल संघ (2) सम्मानक सम्मानमे (2) हिन्दुस्तान टाइम्स (2) अस्मिता आर्ट्स (1) एकेडमी ऑफ़ लिटरेचर आर्ट एंड कल्चर (1) डी डी बिहार (1) देसिल बयना हैदराबाद (1) धूमकेतु आर्ट्स (1) भारती मंडन (1) मिथिला मिरर (1) मिनाप (1) मैथिली एलबम (1) मैथिली कथा (1) मैथिली जिन्दाबाद (1) मैथिली धारावाहिक (1) मैथिली पत्रकार (1) मैथिली लोकमंच (1) मैथिली संबोधन (1) विदेह (1) साझी धुआँ (1) साहित्य अकादेमी (1) साहित्यिक चौपाड़ि (1) स्वरचित (1) हिन्दी नाटक (1)

मुख्य पृष्ठ

Friday, November 16, 2018

अंतर्राष्ट्रीय रामायण महोत्सव,दिल्ली मे मिनाप


३० अक्टूबर,२०१८ क' दिल्लीक कमानी सभागार मे आयोजित ४म अंतर्राष्ट्रीय रामायण महोत्सव मे भारत सहित छः गोट देशक सहभागिता छल। पड़ोसी देश नेपाल दिस सँ वा ई कही जे मिथिला दिससँ एहि महोत्सव मे हमरा लोकनिक प्रतिनिधित्व कएल एकमात्र संस्था मिनाप,जनकपुरधाम,नेपाल।
सांस्कृतिक चेतनाक अग्रदूतक रूपमे मिनाप जतबे ख्यातिप्राप्त नाम अछि ततबे सार्थकताक संग राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपन उपस्थिति दर्ज करेबामे सफल रहल अछि। मैथिली भाषा, कला आ संस्कृतिक उन्नयनार्थ समर्पित संस्था मिनापक नाम सुनला मात्र सँ मैथिलीक बाँचल ओहि तमाम अस्तित्वक बोध होइत अछि जे आजुक समयमे बँचा राखब परमावश्यक सन बुझना जाइछ।

उक्त अवसर पर मिनापक कलाकार द्वारा जानकी लीला केर प्रस्तुति बेस उत्तम आ प्रशंसनीय रहल। जँ मंच पर उपस्थित चरित्रक अभिनय आ नृत्य पक्षक बात करी त' जानकी, राम, लक्ष्मण, जनक, दशरथ, पमरिया, सखी-सहेली आ अन्य सहयोगी लोकनिक प्रस्तुति उत्तम कहल जा सकैछ।
जेनाकि मिनाप कोनो मंच पर अपन अनुशासन हेतु जानल जाइत अछि आ तकर पालन करैत अहू ठाम देखल गेल आ निष्कर्षतः कहल जा सकैछ जे मैथिली भाषा संरक्षण-संवर्धन हेतु एहेन-एहेन किछु संस्थाक सक्रियता बनल अछि जकरा पर विश्वास कय मैथिलीक वर्तमान आ भविष्यक प्रति आश्वस्त भेल जा सकैछ।

जँ संगीत पक्षक बात करी त' सांस्कृतिक मंच पर सुनील मल्लिकक उपस्थिति मात्र सँ मिथिला माँटिक सुच्चा गीत-संगीत सँ वातावरण सुवासित हएब सुनिश्चित अछि। हिनक गीतक चयन आ प्रस्तुति मे तान संग तार मिला चलबा मे सक्षम ललित कामत, संगीता देव आ कम वयस सँ अपन मधुर स्वर लेल बेस चर्चित गायिका नेहा प्रियदर्शिनी केर तालमेल मैथिलीक किछु पारंपरिक आ किछु मौलिक स्वर-शब्द-संगीतक मिश्रण सँ दर्शक लोकनि बेस आत्म विभोर देखल गेलाह। सांगीतिक समूह मे ढ़ोलक पर संगत करैत देखल गेलाह हास्य अभिनेता राम नारायण ठाकुर आ अन्य वादक लोकनि जे दक्षतापूर्वक एहि मे संग पुरलनि।

संगीत प्रधान प्रस्तुति हेबाक कारणे अभिनय सांकेतिक छल जकरा संग मे नृत्यक समावेश सेहो अद्भुत छल। सोहर सँ ल क समदाउन धरिक गीतक मध्य स्वागत गीत, मिथिला वर्णन, पमरिया गीत आदिक संग अभिनय सेहो ततबे विलक्षणताक संग प्रस्तुत कएल गेल। जानकी जन्म सँ ल' ' जानकी परिणय धरिक जे परिकल्पना अछि ओकर एकटा साकार रूप देबाक प्रयास मे मिनापक वर्तमान अध्यक्ष परमेश झाक दिशा निर्देशन मे प्रत्येक कलाकारक बीच तालमेल देखिते बनैत छल। किछु दृश्य जेना जनक जीक हर मे जोतल बड़दाकार दू गोट मनुख (कलाकार)क प्रयोग, कोहबरक प्रवेश द्वार पर दू गोट कलाकार द्वारा हाथ जोड़ि प्रवेश द्वारक आकृति बनेबा सन प्रयोग दर्शककेँ बेस पसीन पड़लनि। पुष्प वाटिका मे राम-जानकीक भेँटक क्रममे सजाओल गेल पुष्प-वाटिका, सीता स्वयंवर हेतु सजल जनकक दरबार कमानी ऑडिटोरियमक मंचकेँ आर बेसी शोभायमान क' रहल छल।

ओना कएक ठाम इहो देखल जाइत अछि जे मंच पर पर्याप्त जगहक अनुपलब्धताक कारणे कलाकार लोकनिकेँ बाध्य भ' गुंजाइश करय पड़ैत छनि मुदा संख्यात्मक दृष्टिकोण सँ जानकी लीला प्रदर्शन हेतु मिनाप सँ सहभागी कलाकार लोकनिकेँ जतबा आवश्यक मंच (क्षेत्रफल) चाही से कमानी मे पर्याप्त छल आ तदनुसार समूह द्वारा एकर पूर्ण उपयोग सेहो कएल गेल। वस्त्र-विन्यास, साज-सज्जा, मंच परिकल्पना,ध्वनि आदिक बीच नीक सामंजस्य देखल गेल। प्रकाश व्यवस्था एक रत्ती आर नीक हेबाक चाही छल कारण समुचित संसाधन रहितो ओकर परिचालन मे कएक ठाम त्रुटिक आभास भेल।

प्रायः हमरा लोकनि कोनो निजी संस्थाक आयोजन मे छोट-छोट त्रुटि पर ध्यानाकर्षण करबाक क्रममे नीक बातकेँ बिसरा जाइ छी मुदा निजी संस्थाक आयोजन मे किछु व्यवस्था ततेक सुव्यवस्थित होइत अछि जे सरकारी कार्यक्रमक पर्याप्त संसाधन अछैतो हूस सन लगैत रहैत अछि, जेनाकि प्रत्येक रंगकर्मीक मंच पर परिचय ओकर चरित्रक संग हेबाक चाही, कारण कोनो कलाकार वास्ते अर्थ सँ बेसी महत्त्व ओकर नाम होइत छैक,ओकर यश होइत छैक आ तैं आवश्यक छैक जे ओकर व्यक्तिगत पहचान स्थापित हो, जे एहि ठाम नै देखल गेल।

रंगप्रमुखक सम्मान मे सेहो हड़बड़ी देखल गेल, जे कि नाटक सँ पूर्वहि दुन्नू देशक प्रतिनिधि (मलेशिया आ नेपाल)केँ कराओल गेल। कलाकार जखन अपन प्रस्तुति देबा लेल तैयार रहै छथि त' चरित्रक अनुसार मेकअप मे रहै छथि आ हुनक प्रयास रहै छनि जे दर्शक संग हुनक पहिल भेंट एक किरदारक रूप मे होइक आ सएह देखल गेल अहू ठाम। मिनापक वर्तमान अध्यक्ष परमेश झाक घोषणा भेल मुदा ओ मेकअप आ टीम संगठित करबामे व्यस्त रहथि आ तैं उद्घोषकक पुनर्घोषणाक आधार पर मिनापक पूर्व-अध्यक्ष सुनील मल्लिक केँ ई सम्मान ग्रहण करय पड़लनि।

कार्यक्रमक सफलता एहि बातक द्योतक अछि जे कामकाजी दिवस रहितो समूचा सभागार (६००-६५० सीट) खचाखच भरल रहल आ प्रस्तुति ततेक रोचक छल जे निरन्तर करतल ध्वनिक संग कलाकार लोकनिक उत्साहवर्धन होइत रहल। संगीत प्रधान जानकी लीलाक एहि प्रस्तुतिमे नृत्य-अभिनय-संगीतक मध्य समावेश एतेक परिपक्वताक संग सोझा आएल जकर अपेक्षा प्रायः मिनाप सन समूह सँ कएल जाइत अछि।

-मनीष झा बौआभाइ/दिल्ली/१६.११.२०१८

No comments: