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Sunday, September 30, 2018

साहित्य अकादेमी, दिल्ली द्वारा आयोजित कार्यक्रम अखिल भारतीय मैथिली काव्योत्सव

२५ सितम्बर,२०१८ क' साहित्य अकादेमी, दिल्ली द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'अखिल भारतीय मैथिली काव्योत्सव' अनेकानेक दृष्टिकोण सँ महत्त्वपूर्ण रहल।
भारतक विभिन्न क्षेत्र (दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल, दिल्ली, राँची, कोलकाता, हैदराबाद सहित आन-आन ठाम) सँ जुटल साहित्यकार लोकनि विभिन्न सत्र केँ एक महत्त्वपूर्ण सत्र बनेबा मे सफल योगदान देलनि।

पहिल सत्र उद्घाटन सत्रक रहल जाहिमे अकादेमी केर सचिव श्रीनिवास राव स्वागत भाषण केलनि, मैथिली भाषा परामर्श मंडल केर वर्तमान संयोजक प्रेम मोहन मिश्रक आरंभिक वक्तव्य, गंगेश गुँजन जीक प्रमुख आतिथ्य आ उदयनारायण सिंह नचिकेता जीक अध्यक्षीय संबोधन बेस प्रभावी रहल आ विशेष कार्याधिकारी देवेन्द्र कुमार देवेश जीक धन्यवाद ज्ञापनक संग एहि सत्रक समापन भेल ।

दोसर सत्र मैथिली कविताक वर्तमान परिदृश्य पर केन्द्रित छल जकर अध्यक्षता केलनि भीमनाथ झा आ क्रमशः आलेख पाठ केलनि अमलेन्दु शेखर पाठक, तारानन्द वियोगी आ रमेश। सारगर्भित आ विस्तृत शोधक आधार पर पढ़ल गेल तीनू आलेख वर्तमान कविताक आँकलनक दृष्टिकोण सँ महत्त्वपूर्ण रहल। अध्यक्षीय संबोधन मे डॉ. भीमनाथ झा वर्तमान युवा लेखनक प्रति आश्वस्त देखना गेला आ रचनात्मक स्तर पर कविकेँ एक स्वतंत्र पहचान बनेबा लेल भाषा चयन हेतु किछु समुचित सलाह सेहो देलनि।

तेसर आ चारिम सत्र क्रमशः काव्य पाठक सत्र छल। तेसर सत्रक अध्यक्षता केलीह डॉ. शेफालिका वर्मा। काव्य पाठ हेतु उपस्थित कविगण मे चन्दन कुमार झा, सदरे आलम गौहर, रमण कुमार सिंह, विद्यानन्द झा, कुमार मनीष अरविन्द आ सुरेन्द्र नाथ अपन काव्य धारा सँ उपस्थित साहित्यसुधी लोकनिक संग तारतम्य बैसेबामे सफल रहलाह।

अन्तिम आ चारिम सत्र सेहो काव्य गोष्ठीक छल जकर अध्यक्षता केलनि बुद्धिनाथ मिश्र आ उपस्थित कविगण मे मनोज शाण्डिल्य, उमेश पासवान, अरुणाभ सौरभ, पंकज पराशर, विभूति आनन्द आ सियाराम झा सरस। गीत आ कविता प्रस्तुति मे जतबे वरिष्ठ कवि लोकनिक अनुभव सोझा आओल ततबे दृष्टि संपन्न युवा लेखन मे चन्दन कुमार झा, उमेश पासवान, अरुणाभ सौरभ ,पंकज पराशर आ मनोज शाण्डिल्य वर्तमान काव्य लेखनकेँ सार्थकता प्रदान करैत अभिभावक आ श्रोताकेँ मैथिली लेखनक प्रति पूर्ण आश्वस्त केलनि।

अन्तिम दू सत्रमे अमलेन्दु शेखर पाठकक सञ्चालन सेहो बेस प्रसंशनीय रहल कारण कवि आ कविताकेँ सन्दर्भ सँ जोड़ैत परिष्कृत शब्दक प्रयोग, उच्चारण मे सुस्पष्टता, कविक पूर्ण जानकारी आदि सोझा रखैत जाहि तरहे प्रस्तुत केलनि से वास्तवमे एक विलक्षण प्रतिभा सँ परिचय करबैछ।
दिल्लीमे संख्यात्मक दृष्टिकोण सँ साहित्यिक कार्यक्रम खूब होइत रहल अछि मुदा ई कहबा मे कनेको असोकर्ज नहि जे एहेन सार्थक आ स्तरीय आयोजन गनले-गूथल होइछ। कामकाजी दिवस रहितो सभागारमे बैसबाक स्थान सँ बेसी दर्शककेँ उपस्थिति सेहो कार्यक्रमक सफलता केँ साक्ष्य रहल।

साहित्य अकादेमी केर उक्त आयोजनोपरान्त मैथिली-भोजपुरी अकादेमी,दिल्ली आ मैलोरंग दिल्ली केर संयुक्त तत्त्वावधान मे ओही सभागार मे एक विशेष कार्यक्रम मैथिली गीत-संगीतक वर्तमान स्थिति पर केंद्रित गोष्ठी केर आयोजन कएल गेल। डॉ. देवशंकर नवीन केर अध्यक्षता मे एहि गोष्ठीक मुख्य वक्ताक रूप मे आमंत्रित छलाह काठमाण्डू नेपाल सँ आएल प्रसिद्ध कला-साहित्य-संस्कृतिकर्मी धीरेन्द्र प्रेमर्षि। अमता आ पंचगछिया घराना सहित आन-आन घराना केर विस्तृत शोधक संग नव सँ पुरान पीढ़ीक संगीतसेवी आ एहि पार सँ ओहि पार धरिक मिथिलाक वर्तमान सांगीतिक परिवेश केँ समुचित ढंग सँ सोझा रखलनि। सियाराम झा सरस केर लिखल गीत आ प्रवेश मल्लिकक संगीत निर्देशन मे मैलोरंग गान केर सेहो लोकार्पण भेल। मैथिली-भोजपुरी अकादेमी केर वर्तमान उपाध्यक्ष नीरज पाठक मैथिली गीत-संगीत मे बढ़ैत विकृतता पर साकांक्ष होइत अकादेमी दिससँ सरस जीक नेतृत्व मे पचीस गोट संग्रहीत गीतक एलबम बनेबाक आश्वासन देलनि।


देवशंकर नवीन जीक अध्यक्षीय उद्बोधन, प्रकाश झाक संचालन आ मुकेश झाक धन्यवाद ज्ञापनक संग ई गोष्ठी सफलतापूर्वक सम्पन्न भेल ।

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