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Friday, December 15, 2017

वर्तमान मैथिल समाज पर समाजिक संजालक प्रभाव


प्रगतिशील समाज केर विकासक परिप्रेक्ष्य मे देखल जाए तविश्वक अन्यान्य प्रबुद्ध समाज सदृश मैथिल समाज सेहो युगानुकूल प्रत्येक चुनौती कें स्वीकारबाक क्षमता रखैत छथि । चाहे संस्कृति संरक्षण कें बात होए,भाषा संवर्धन कें बात होए,उच्चतर शिक्षा कें बात होए, रोजगारपरक अवसर कें बात होए वा उच्च तकनीकी वस्तु प्रयोगक बात होए, प्रत्येक समाजक संग डेग सँ  डेग मिला चलबामे पूर्ण सक्षम छथि । ओना ई एक पैघ बिडम्बना रहल अछि जे समय-समय पर छद्म राजनीतिक महत्त्वाकांक्षी लोकनिक व्यक्तिगत लालसाक कारणें मूल अस्तित्व कें विभिन्न खड्यंत्रक अंतर्गत दबाओल वा मेटेबाक असफल प्रयास कएल जा रहल अछि. एहि कुकृत्य लेल कियो बाहरी व्यक्ति आयातित नहि भरहल छथि वा ई कही जे अपनहि घरक लोक रहै छथि, अन्यथा अपन मूल वस्तुक पुनः प्राप्तार्थ आंदोलनक स्तर एत्तेक उग्र नहि होइत.

भौतिक सुख-सुविधाभोगी एहि अंधचलन प्रधान युग मे जाहि तरहें आवासीय पलायन, सांस्कृतिक ह्रास, भाषायी उदासीनता, विमुख होइत परम्परा सँ  किछु लोक भिज्ञ रहितो अनभिज्ञ बनबाक चेष्टा करहलाह अछि हुनक मानसिकता बदलबामे सेहो सोशल नेटवर्क एक सकारात्मक भूमिका निमाहि रहल अछि. जिनका मे किछु करबाक ऊहि छनि वा छलनि मुदा समुचित वातावरण नहि भेटलाक कारणें अपनाकें कात रखबाक चेष्टा करैत रहलाह, मुदा समय एला पर हुनक समान सोचक व्यक्ति वा किनको कार्यशैली सँ  प्रभावित भकतेको गोटे एक सार्थक ओ एकीकृत सोचक संग विभिन संगठन ओ समूहक निर्माण कतदनुकूल काज करहलाह अछि. एहिमे कोनो दूमत नहि जे कोनो आन्दोलन वा मूल कार्य हेतु मेहनैत जमीन पर जा करय पड़ैत छैक आ आवश्यकतो ओत्तहि छै मुदा रणनीतिकें सफल बनेबा लेल प्रचार-प्रसार ओ माध्यमक रूपमे ई स्थान सभसँ बेसी प्रभावी ओ उपयुक्त अछि. प्रसंगवश युवा मैथिल छात्रक संगठन मिथिला स्टूडेन्ट यूनियन केर नाम एहि संदर्भ मे लेब आवश्यक अछि. रोजगारक घोर समस्याक कारणें पलायन आजुक समय मे सभसँ बेसी चिंताजनक स्थिति मे अछि मुदा राजनैतिक उदासीनताक कारणें अपन घरहिमे अपन अधिकार लेबा लेल आन्दोलनक सहारा लेब बाध्यकारी भेल अछि. आजुक समयमे सामाजिक संजालक सहज उपलब्धि ओ विस्तारक कारणें प्रत्येक व्यक्ति अपनाआपमे एक स्वतंत्र मीडियाक भूमिकामे देखना जाइछ . विगत किछुए बर्खमे मैथिली मीडियाक क्षेत्रमे क्रांति अनबाक श्रेय ई-समाद, मिथिमीडिया, मिथिला-दैनिक, मिथिला दर्शन,मैथिली जिन्दाबाद,मिथिला मेल आदिकें जाइत अछि ओत्तहि लोक अभिरुचिक अनुसार वेब पोर्टलक संगहि वीडियो पत्रकारिता सँ  निस्सन उपस्थिति बनबैत मिथिला मिरर जाहि प्रकारक अभिनव प्रयोग केलक अछि निश्चितरूप सँ  सराहनीय योगदानक रूपमे गानल जाएत. विश्वक विभिन्न क्षेत्रमे यत्र-तत्र पसरल मैथिलकें एक मंच पर अनबाक प्रयास हेतु मिथिला मीडिया नामक एक स्वतंत्र एप्लीकेशन (एप्प) गूगल प्ले स्टोर सँ  सेहो लॉन्च कएल गेल अछि जे एहि उद्देश्यकें आगाँ बढ़ेबा लेल दृढ़संकल्पित बुझना जा रहल अछि.  

कोनो प्रकारक क्रियाकलाप छनहि मे विश्वक विभिन्न कोन धरि पहुँच जाइत अछि. एक सँ  एक अद्भुत प्रतिभाकें सोझा आएब एकर स्वतः प्रमाण थिक. हमरा सभक बीच एतेक कम उमेरमे राष्ट्रीय शीर्ष पर ठाढ़ स्वर साधिका मैथिली ठाकुर सँ  पैघ उदहारण की भसकैछ. जातीय,प्रान्तीय,नस्लीय ओ सामाजिक रूढ़िवादिताक भेदन करैत लोकक बीच अनेको सहानुभूतिक उदाहरण देखबामे अबैत अछि. एकर स्पष्ट परिचय देखबा लए नैन्सी हत्याकांड, प्रद्युम्न हत्याकांड आदिक आलोकमे सगर देशक एकजुटता देखल जा सकैत अछि.

कहियो ओ समय छल जहिया लोकक प्रतिभा साधनक अभाव मे कुंठित रहि जाइत छल, जहिया लोक अपन अधिकार पेबा लए विभिन्न चक्रव्यूहक शिकार होइत छल, शोषित होइत छल मुदा आवाज उठेबा लेल उपयुक्त स्थान नहि ताकि पबैत छल. आजुक समयमे कम सँ  कम अपन मोनक बात रखबा लए ओ प्रतिभा प्रदर्शन हेतु सोशल नेटवर्कक विभिन्न प्लेटफॉर्म सक्रिय अछि.

जीविकोपार्जन हेतु लोकक संघर्ष आ पलायनक असरि एहेन दुष्प्रभावी होइत चल गेल जे लोक अपन भाषा ओ संस्कृति सँ  कटैत चल गेलाह. आइ जखन अन्यान्य क्षेत्रक भाषा-भाषी लोकनि अपन भाषा ओ संस्कृतिकें प्रस्तुत करबामे बढ़ि-चढ़ि कसोझा आबि रहल छथि तस्वाभाविक अछि जे हमरा लोकनिक तअपन इतिहास आ भूगोल स्वयं मे गौरवबोधक अछि, मुदा ई गौरवबोध कहबा मात्रक विषय नहि अपितु संरक्षित ओ संवर्धित करबाक विषय अछि. मैथिलीक एहनो सपूत सभ भेलाह अछि जे अपन भाषा-संस्कृतिकें बीस सिद्ध करबामे सफल भेल छथि. मैलोरंग नामक रंगमंडल ओही गौरवक एक महत्त्वपूर्ण अंग अछि जे राष्ट्रक राजधानी दिल्लीमे राष्ट्रीय स्तरक मान्यता प्राप्त सभसँ पैघ नाटकक महोत्सव भारत रंग महोत्सव (भारंगम) केर अठारहम बर्खक आयोजनमे मैथिली नाटकक प्रस्तुति देइत हमरा लोकनिकें गौरवान्वित केलक अछि. कला-संस्कृति संवर्धन हेतु एहेन सक्रियता ओ क्रान्ति आनब आह्लादक विषय थिक.
प्रवासक जीवन मे स्वयं कें स्थिर करब ककरो वास्ते बड्ड पैघ चुनौती होइत अछि कारण सभसँ पहिने ओहिठामक स्थानीय समाजकें अपना विश्वास मे लेबा लेल अनेकों मान-अपमानक सामना करय पड़ैत छैक. मैथिल एहेन बुद्धिजीवी होइ छथि जे प्रत्येक चुनौतीकें सहजतापूर्वक स्वीकारैत कोनो समाजक मध्य प्रतिष्ठापूर्वक अपन स्थान सुरक्षित रखबामे योग्य ओ निपुण होइ छथि. कृतज्ञ मैथिल समाज द्वारा विभिन्न महानगर मे बाबा विद्यापतिक नाओं सँ  स्मृति पर्व मनेबाक परम्परा 

एखन जोर पकड़ने अछि जेकि लोक जुटेबाक एक नीक प्रयास कहल जा सकैत अछि. ओना ई एक पैघ बिडम्बना अछि जे अधिकाधिक आयोजनमे नहि तहुनक व्यक्तित्त्वक चर्च होइ छनि आ नें हुनक अमर कृतित्त्वक.

भाषा साहित्यक प्रति सेहो चिंताजनक स्थिति कें दूर करबा लेल एवं बाबा यात्रीक आह्वान नवतुरिया आबओ आँगा कें सफलीभूत करबा लेल बिना कोनो आडम्बर ओ औपचारिकताकें जगह-जगह मैथिल युवा साहित्यानुरागी लोकनि द्वारा अकासतर बैसकी,साहित्यिक चौपाड़ि,साँझक चौपाड़ि,काव्य बैसार,कथा गोष्ठी,कीर्ति कुंभ आदि विभिन्न नाम सँ पल्लवित-पुष्पित भरहल अछि. नवतूरक एक सँ एक आँखिगर साहित्यसेवी लोकनि आगाँ आबि रहल छथि. साहित्यांगन,झंझारपुर द्वारा प्रत्येक मास मिथिलाक विभिन्न विभूति जिनक जन्मदिवस वा पुण्यतिथि होइन्ह हुनका प्रति कृतज्ञता व्यक्त करैत, हुनक व्यक्तित्वक चर्च करैत नियमित साहित्यिक आयोजन भरहल अछि. मैथिली साहित्य महासभा,दिल्ली द्वारा वर्ष मे तीन गोट महत्त्वपूर्ण आयोजन कएल जाइत रहल अछि. मैथिली साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति, मधुबनी द्वारा वार्षिक आयोजन वृहत स्तर पर कएल जाइत अछि.

पोथीक सहज उपलब्धि हेतु पटनामे रहि रहल किछु समर्पित युवा लोकनि दुर्लभ सँ  दुर्लभ पोथी जुटा ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल सैप्पी मार्टकेर माध्यम सँ  होम डिलेवरी धरिक सुविधा उपलब्ध करबा रहल छथि. इन्टरनेट पर साहित्य पढ़ेबाक चस्का लगेबामे निश्चित रूप सँ  विदेह (ई-पत्रिका) केर प्रयास सराहनीय अछि. पीडीएफ फॉर्मेट मे एखनहु मैथिलीक तीन सए सँ  बेसी पोथी उपलब्ध अछि. कला प्रतिभा लक्षेत्रीय सँ  राष्ट्रीय स्तर धरिक कलाकारक योगदानकें संग्रह मैथिली सिनेमा डॉट कॉम पर देखल जा सकैछ आ ओतय सँ  ज्ञात होइत अछि जे कतेको नामी-गिरामी कलाकार जे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय शिखर पर नाम केने छथि ओ हमरा लोकनिक घर-परिवारक सदस्य छथि.  

भाषा ओ संस्कृतिक प्रति लोकक जागरूकताक साक्ष्य अछि अखिल भारतीय मिथिला संघक स्वर्ण जयन्ती समारोह मे तालकटोरा स्टेडियम ओ मैथिल समन्वय समिति द्वारा आयोजित वर-वधू परिचय सम्मलेनक उपलक्ष्यमे सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम सन विशाल जनसमूहक क्षमता बला सभागार मे मैथिलजनक उपस्थिति.

सोशल नेटवर्कक किछु नकारात्मकताक सँ  लोक सेहो प्रभावित भरहल अछि जाहिमे व्यक्तिगत द्वेष, आपसी वैमनस्यता, कटुवादिता, अनावश्यक विषय-वस्तुक प्रचार-प्रसार, भ्रामक परिवेश बनाएब, एक-दोसराक प्रति छिद्रान्वेषण, गुटबाजी आदि हमरा लोकनिक कमजोर पक्षकें सार्वजनिक रूपे उजागर करैत अछि. एहि सभ पर जनियंत्रण कलेल जाय तहमरा लोकनिक अद्वितीय भाषा,क्षेत्र,साहित्य,रोजगार,कला,संस्कृति,परम्परा आदिक निर्वहन करैत ओकरा संवर्धित कएल जा सकैत अछि. जाहि तरहें लोकक मानसिकता बदलि रहल अछि, परिवेश बदलि रहल अछि ताहिमे किछु हद धरि सामाजिक संजाल (सोशल नेटवर्क) केर भूमिका सेहो महत्त्वपूर्ण कहल जा सकैछ. देखादेखी नीक अधलाह काजक अनुकरण अदौ सँ  आबि रहल एक परम्परा अछि आ इहो कोनो व्यक्ति ओ हुनक परिवार एवं समाजक देल संस्कार पर निर्भर करैत अछि, तहिना सोशल नेटवर्कक सदुपयोग वा दुरूपयोग हुनक ओहने मानसिकता पर निर्भर करैत छनि.

एहि आलेखक क्रममे संभव अछि जे बहुतो एहेन व्यक्ति वा संस्थाक नामक उल्लेख नहि भेल हो वा सांकेतिक हो तथापि जे कियो सोशल नेटवर्कक सदुपयोग करैत अपन मूल वस्तु कें राष्ट्रीय पटल पर आत्मविश्वासक संग परसि रहल छथि हुनक प्रयासक सेहो सराहना करैत छी. वास्तविक रूप सँ  अपन मांटि-पानि सँ जूड़ल भाषा-संस्कृति प्रेमी ओ चाहे गाम मे बसथि वा परदेस मे सोशल नेटवर्कक समुचित उपयोग करैत एकरा प्रचार-प्रसारक माध्यम बनाय उद्देश्यपूर्ति मे लागल छथि.

(अखिल भारतीय मिथिला संघ,दिल्लीक स्वर्ण जयन्ती समारोह-२०१७ स्मारिकामे प्रकाशित )

Monday, December 11, 2017

सम्मानक सम्मान मे


१० दिसम्बर,२०१७ क' सिविल सर्विस ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट,कस्तूरबा गाँधी मार्ग,नई दिल्लीक सभागार मे आयोजित 'मणि गीत रचना महोत्सव' 'नीर भरल नयन' केर लोकार्पणक अवसर पर आमंत्रित अतिथि लोकनिक सम्मानोपरांत सामाजिक,सांस्कृतिक ओ साहित्यिक गतिविधि मे सक्रिय किछु मैथिलजन केँ सेहो सम्मानित कएल गेल। विभिन्न व्यक्तित्व केँ सम्मानित होइत देखि आह्लादित होइत रही,अभिनंदन मे थोपड़ी बजबैत रही। हास्य कवि आदरणीय जनक जी संचालन करैत रहथि उद्घोषणा केलनि आब हमरा लोकनि सम्मानित करय जा रहल छियनि युवा साहित्यकार मनीष झा बौआभाइ केँ। अनापेक्षित भावे बैसल समाजक प्रति योगदानक स्व-मूल्यांकन करैत एखन अपनाकेँ एहि जोगर नहि बूझै छी, मुदा घोषणा भेल त' संस्था,आयोजक,मंचस्थ अतिथि, लेखक ओ संचालकक सम्मानमे जाएब तत्क्षण उचित बुझना गेल।

डॉ. पवन कुमार झा जी माला सँ स्वागत केलनि आ सुगति सोपानक अध्यक्षा श्रीमती कुमकुम झा जी स्वयं पुष्पगुच्छ ओ शॉल सँ सम्मानित केलनि। तकरा बादक जे स्थिति छल ओ आर बेसी आश्चर्यचकित करैत बला। मैथिली साहित्य महासभाक अध्यक्ष श्री अमरनाथ झा, श्री संतोष राठौड़, श्री केशव झा, श्री प्रसून झा,डॉ.कैलाश कुमार मिश्र,डॉ. प्रकाश झा आदि लोकनिक मंच धरि पहुँचब आ शुभकामनाक देबाक जे अंदाज छल ओ स्वयं कैमराक आँखि कहि रहल अछि। कुमकुम दीदी केँ इशारा मे पुछलियनि-'दीदी ई की ?' मुदा हमरा प्रति हुनक आश्वस्त होइत प्रत्युत्तर सुनि पुनः प्रश्न करबाक साहस नहि भेल, ओ कहली-'अगिला खाम्ह सम्हारबाक जिम्मा!'

सुगति सोपान ओ श्रीमती कुमकुम झा सँ विगत एग्गारह बर्ख पूर्व परिचय करौलनि गायक अग्रज श्री सुनील पवन। अवसर छल हमर दोसर आ सुनील पवन जीक संग पहिल सांगीतिक एलबम "मैयारानी" केर स्टूडियो रिकॉर्डिंग। दुर्गापूजाक अवसर पर ई कैसेट रिलीज भेल छल सुगति सोपान द्वारा जाहिमे गीत लिखने छलाह मिथिला पुत्र प्रदीप,सुनील पवन,किछु पारंपरिक गीत संगहि दू गोट गीत लिखबाक अवसर हमरहु प्रदान कएल गेल।संगीतबद्ध केने छलाह सुप्रसिद्ध गायक-संगीतकार पं. श्री हरिनाथ झा। स्वरबद्ध केने रहथि सुनील पवन एवं कुमकुम झा। एहि कैसेटक विमोचन भेल छल दरभंगा मे आदरणीय मिथिला पुत्र 'प्रदीप' ओ पं. चन्द्रनाथ मिश्र 'अमर' जीक करकमल सँ।

कुमकुम दीदी सँ परिचय निस्सन होइत गेल आ तकरा बाद विभिन्न कार्यक्रम मे अनवरत भेंटघाँट होइत रहल। साहित्यिक प्रोत्साहन जे भेटैइयै से त' भेटिते अछि मुदा सभसँ बेसी प्रभावित करैत अछि हिनक सरलता,सहजता ओ नारी मनक कोमल उद्गार जे हिनका सामाजिक स्तर पर एक विशिष्ट छवि सेहो प्रदान करैत छनि। पूर्व प्रधानमंत्री ओ कवि आदरणीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जीक ' मेरी इक्यावन कविताएँ' केर मैथिली अनुवादक प्रकाशित पोथी मैथिली साहित्य संवर्धन मे हिनक योगदानक रूप मे गानल जाइत अछि।

Sunday, December 10, 2017

मिथिला रंग महोत्सव-२०१७



मैथिली लोक रंग (मैलोरंग) द्वारा दिल्ली एन.एस.डी. केर सम्मुख सभागार मे दू दिवसीय मिथिला रंग महोत्सवक आयोजन कएल गेल. पहिल दिनक आयोजनमे ०४ दिसम्बर,२०१७ कसंस्था द्वारा प्रत्येक वर्ष एक वरिष्ठ रंगकर्मी ओ एक युवा रंगकर्मी कें रंगकर्मक क्षेत्र मे विशिष्ट योगदान हेतु क्रमशः ज्योतिरीश्वर सम्मान एवं श्रीकांत मंडल सम्मान ससम्मानित कएल जाइत अछि. एहि बर्खक ज्योतिरीश्वर सम्मान-२०१७ वरिष्ठ रंगकर्मी उमाकान्त झा(भंगिमा,पटना) एवं श्रीकान्त मंडल सम्मान-२०१७ रंजीत कुमार झा (मिथिला कल्याण परिषद,रिसड़ा,कोलकाता) कें देल गेल.

आजुक आमंत्रित अतिथि छलाह एन.एस.डी. केर वर्तमान निदेशक प्रो. वामन केन्द्रे एवं एवं मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय,भोपाल केर निदेशक संजय उपाध्याय. अतिथिक सम्मान केलनि क्रमशः प्रसिद्ध नाटककार महेन्द्र मलंगिया एवं वरिष्ठ लेखक गंगेश गुँजन तदुपरांत दुन्नू अतिथिक हाथे दुन्नू चयनित रंगकर्मी कें सम्मानित कएल गेल. मंच सञ्चालन केलनि प्रो. देवशंकर नवीन.

सम्मान सत्रोपरान्त कवि शेखराचार्य ज्योतिरीश्वर ठाकुर रचित धूर्तसमागम केर मंचन कएल गेल. प्रस्तुति आलेख एवं निर्देशन छल डॉ. प्रकाश झा केर एवं सहायक निर्देशन छल श्याम कुमार सहनी केर. सभागारक प्रवेश द्वार पर सभसँ मुख्य आकर्षण छल श्याम सहनी द्वारा थर्मोकोल सबनाओल गेल महाकवि विद्यापतिक प्रतिमा. महिला रंगकर्मी द्वारा बनाओल गेल अरिपन,सामा-चकेबा, गामक परिकल्पना मे टांगल सूप,चंगेरा आ मिथिलाक विभिन्न ऐतिहासिक स्थलक फोटो एवं मैलोरंग प्रकाशन सप्रकाशित विभिन्न मैथिली पुस्तकक स्टॉल सेहो नाटक देखय आएल प्रेक्षककें आकर्षित करैत रहल.

दोसर दिन मने ०५ दिसम्बर,२०१७ कप्रथम सत्र मे श्याम सहनी निर्देशित हिन्दी नाटक रिफंडकेर सफल मंचन भेल. संध्याकालीन सत्रमे मैथिलीक वरिष्ठ रंगकर्मी ओ लेखक डॉ. कमल मोहन चुन्नू केर नाट्यालोचनाक पोथी निनाद केर लोकार्पण भेल. उक्त अवसर पर पोथिक विषय-वस्तु ओ आलेख पर समीक्षा केलनि प्रो. देवशंकर नवीन संगहि एहि पोथिक सार्थक उपयोगिता पर तार्किक ओ महत्त्वपूर्ण विचार रखलनि मैथिलीक प्रसिद्ध नाटककार महेन्द्र मलंगिया. पोथी लोकार्पणक पश्चात बारहमासाक नाट्य प्रस्तुति एकादशीक मंचन भेल . प्रो. हरिमोहन झा केर कथा संग्रह एकादशी केर तीन गोट मुख्य कथा क्रमशः घर-जमाय, तिरहुताम आ ग्रेजुएट पुतोहु केर नाट्यांतरण आ नाट्य निर्देशन केलनि मुकेश झा.