भाषा सेवा लेल आंशिक योगदान, अपने लोकनिक अवलोकनार्थ। क्लिक कय पढ़ल/देखल/सुनल जा सकैत अछि :

रिपोर्ट (63) अखबारक पन्ना (33) ऑडियो/वीडियो (21) मैथिली नाटक (19) कथा मैथिली (18) मैलोरंग (16) मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (14) दैनिक जागरण (12) मैसाम (10) मैथिली फिल्म (8) साक्षात्कार (8) मैथिली-भोजपुरी अकादमी (6) आलेख (5) ऑफिसक अवसर विशेष पर (3) झलक मिथिला (3) नवभारत टाइम्स (3) पाठकीय प्रतिक्रिया (3) बारहमासा (3) मैथिली पोथी (3) अखिल भारतीय मिथिला संघ (2) अछिञ्जल (2) अपराजिता (2) कथा मंचन (2) दीपक फाउंडेशन (2) मिथिला स्टूडेंट यूनियन (2) मिथिलांगन (2) मैथिली पत्र-पत्रिका (2) मैथिली लघु फिल्म (2) यात्रा संस्मरण (2) विश्व मैथिल संघ (2) सम्मानक सम्मानमे (2) हिन्दुस्तान टाइम्स (2) अस्मिता आर्ट्स (1) एकेडमी ऑफ़ लिटरेचर आर्ट एंड कल्चर (1) डी डी बिहार (1) देसिल बयना हैदराबाद (1) धूमकेतु आर्ट्स (1) भारती मंडन (1) मिथिला मिरर (1) मिनाप (1) मैथिली एलबम (1) मैथिली कथा (1) मैथिली जिन्दाबाद (1) मैथिली धारावाहिक (1) मैथिली पत्रकार (1) मैथिली लोकमंच (1) मैथिली संबोधन (1) विदेह (1) साझी धुआँ (1) साहित्य अकादेमी (1) साहित्यिक चौपाड़ि (1) स्वरचित (1) हिन्दी नाटक (1)

मुख्य पृष्ठ

Sunday, April 30, 2017

प्रवासी मैथिलक शक्ति आ चुनौती

दिनांक २९ अप्रैल२०१७,शनिदिन मैथिलि भोजपुरी अकादमी, दिल्ली द्वारा प्रवासी मैथिलक शक्ति आ चुनौती विषयक संगोष्ठी केर आयोजन कएल गेल. कार्यक्रमक शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन स’ भेल. स्वागत वक्तव्य देलनि अकादमिक सचिव हरिसुमन विष्ट. कार्यक्रमक सञ्चालन हेतु आमंत्रित छलाह डॉ. राजेश झा मुदा हुनक अनुपस्थितिमे डॉ. सविता खान संतुलित आ धैर्यपूर्वक सञ्चालन केलनि. वक्तव्य हेतु आमंत्रित अतिथिमे गौरीनाथ जी प्रवासी बिहारी (मैथिल आ भोजपुरी समाज) कें वोट बैंकक स्रोत कें रूपमे प्रयोग कएल जा रहल स्थिति पर चिन्ता व्यक्त करैत मैथिलक प्रति सम्मानपूर्वक व्यवहार हेतु सरकारक मनोस्थितिमे बदलाव सन मुद्दा पर ध्यान केन्द्रित करौलनि आ अन्यान्य संस्था द्वारा समय-समय पर विभिन्न वस्तु बचाउ अभियानकें मार्केटिंग मुदा कहैत मुख्य रूप स’ अपन पहिचान बनेबाक आ बचेबाक सन स्थिति पर ध्यानाकर्षण करौलनि.

दोसर वक्ताकें रूपमे डॉ. मोहम्मद काज़िम मैथिली भाषाक मिठास, घर-घर स’ विलुप्त होइत संस्कार ओ भाषा पर बेस चिंतित देखेलाह. मैथिलक एकेडमी,कल्चर,भाषा समृद्धि, खान पान, माँछ-पान-मखान,मिथिला पेंटिंग आदिक योगदान केर सेहो भूरि-भूरि प्रसंशा केलनि. मुदा दर्शकक अनुनय-विनयकें नजरअंदाज करैत अपन वक्तव्यकें हिन्दीए मे निरंतरता देइत रहला. अपन भाषा आ अगिला पीढ़ी पर हिनक चिन्ता कने अन्सोंहांत सन लगैत छल, जहन की मैथिली स’ शुरुआत केने वक्तव्य स’ आस बढ़ल छल.

तेसर वक्तव्य छल संचालिका सह वक्ता डॉ. सविता खान केर जेकि प्रवासी जीवनक विभिन्न अवयव पर प्रकाश देइत मैथिलक एक विशिष्ट परिचय देली जे स्वाभिमान कएम रखैत जे न्यूनतम सुख-सुविधामे गुजर-बसर करैत हो से चाहे खुद्दी खाक' कियैक नें जीवन व्यतीत करैत हो. उदाहरणमे अयाची मिश्रक नामक उल्लेख केलनि. मिथिलाक व्यवहार मे सेहो धर्म निहित हेबाक सांकेतिक उदहारण देलनि. नॉस्टेलजिया पर विस्तृत उल्लेख करैत कहलनि जे की पहिले एकरा नकारात्मक रूपे लेल जाइत छल कारण एकर अभिप्राय छल परफॉर्म करबा सँ रोकबाक प्रवृत्ति मुदा आजुक समयमे एकरा सकारात्मक रूपे देखल जा रहल अछि आ ओएह कारण अछि जे हमरा लोकनि अपन गाम-घर स’ जूड़ल छी आ से जुड़ाव रहबाक चाही । बर्ख भरिमे विद्यापति पर्व समारोह पर करोड़ों खर्च पर ध्यान केन्द्रित करबैत कहलनि जे एहि खर्चकें ग्रामीण कृषि वा अन्यान्य समस्या पर खर्च क’ ओकरा सार्थकता प्रदान कएल जा सकैत अछि . हम प्रवासी तखने सफल हएब जखन हमरा लोकनि ग्रामीण समस्याकें अपन समस्या बूझि ओकर निराकरण करबै. सोशल मीडिया पर पसरल जानकी नवमी केर अवसर पर बाइकर्स द्वारा जानकी प्राकट्योत्सव केर प्रदर्शन बला घोषणा किछु हैरान सेहो केलकनि.सविता खान एहेन-एहेन बहुत रास सटीक आ शोधल प्रसंग सोझा रखली जे समसामयिक आ प्रासंगिक छल.

अंतिम वक्ता केर रूपमे कार्यक्रमक अध्यक्ष छलाह डॉ. कैलाश कुमार मिश्र जेकि बाबा नागार्जुनक कविता स’ प्रारम्भ करैत पलायनक विभिन्न कारण सभ पर प्रकाश देलनि जेनाकि पुश एंड पुल फ़ैक्टर अर्थात जमींदारी प्रथामे दबल मजदूर आदि कर्जक दबावमे नोकरी पेशा क’ कर्ज सधेबाक वास्ते पलायन करैत रहल, छात्रजीवनमे पढ़ाइ-लिखाइ वास्ते बाहर आएल आ ओत्तहि बसि गेल आदि-आदि कारण. हिनका नजरिमे प्रवासीक जे सभस’ पैघ कमी रहल अछि ओ अछि गाम-घर स’ माने-मतलब त्यागि परिवार के ल’क’ ओत्तहिकें भ’ क’ रहि जाएब. हिनक मानब छनि जे संस्कृतिकें  धर्मक आधार पर मान्यता स’ बेसी महत्त्व रखैत अछि जे माए सँ जोड़िके राखय अर्थात् भाषा स’ जोड़िक’ राखय आ सएह मूल कारण छैक जे मिथिलाक हिन्नू-मुसलमान सभ मैथिल छी आ सीता सभक पहिचान छथि.

सञ्चालनक अंतिम चरणमे सविता खान मैथिली आ भोजपुरी कार्यक्रम हेतु हिंदी भवनक चयन केर बदलाव हेतु अकादमिक उपाध्यक्ष संजॉय सिंह कें प्रस्ताव देलनि जे एक मैथिली भवन सेहो शीघ्र बनय आ एहेन कार्यक्रम ओत्तहि हुअए. अकादमी वर्तमान उपाध्यक्ष संजॉय सिंह द्वारा समय-समय पर उठैत रहल मैथिली-भोजपुरी अकादमी फराक करबाक मुद्दा पर एकजुट हेबाक निवेदन करैत कहलनि जे हम सभ प्रवासी छी कतहु कोनो भेदभाव नहि छैक. हम समान रूपे दुन्नू भाषा वास्ते काज करैत रहब. पछिला परिस्थितिमे बहुत सुधार आएल छैक तें एकरा किओ गोटे विवादक मुद्दा नहि बनाबी से आग्रह.

उपस्थिति के मामिलामे एक दिन पूर्व भेल भोजपुरी कार्यक्रम सँ बेसी आजुक कार्यक्रममे मैथिलक उपस्थितिकें संतोषजनक कहैत सभकें धन्यवाद ज्ञापित केलनि । समापनमे सचिव विभिन्न विषय पर वैचारिक मंतव्य रखैत आश्वस्त केलनि जे एखन धरि जाहि कोनो भाषायी अकादमिक भवन छै से सरकारी नैं अछि सभटा निजी भवन अछि मुदा सरकार लग सभ भाषाक एक संयुक्त भवन केर प्रस्ताव गेल अछि जाहि पर विचार भ’ रहल अछि. छोट बच्चामे सभमे अपन भाषा ओ संस्कृतिक प्रति लगाव कें ध्यान मे रखैत आगामी ५ मई सँ ९ मई धरि मैथिली ओ भोजपुरी भाषी बच्चा केर प्रतियोगिताक आयोजन कएल जाएत जकर औपचारिक घोषणा अकादमी दिसस’ आधिकारिक रूपे शीघ्रहि कएल जाएत.

Friday, April 21, 2017

मुक्तधारा ऑडिटोरियममे संपन्न भेल मैलोरंग द्वारा मंचित नाटक ‘‘विलाप’’


देशक राजधानी दिल्लीमे प्रवासी मैथिलजनक राजनीतिक,सांस्कृतिक एवं समाजिक स्तर पर समान रूपेँ हस्तक्षेप देखल जाइछ। कला-संस्कृतिमे नियमित संलग्नता हेतु चर्चित मैथिली रंगमंचक सक्रिय संस्था मैलोरंग रेपर्टरीकेर रंगकर्मी द्वारा २० अप्रैल २०१७ (वृहस्पति) कमैथिली नाटक विलापमुक्तधारा ऑडिटोरियम,भाई वीर सिंह मार्ग,गोल मार्केट,नई दिल्ली मे सफलतापूर्वक मंचन कएल गेल। नाटक वैद्यनाथ मिश्र यात्री (बाबा नागार्जुन) रचित बाल विवाह ओ वैधव्य जीवन सन कारुणिक परिस्थिति पर आधारित कविता विलापजकर नाटकीय लेखन केने छथि प्रसिद्ध नाटककार महेन्द्र मलंगिया।

नाटकक निर्देशन केलनि अछि रंगकर्मी संतोष कुमार आ सहायक निर्देशन अमर जी राय। संतोष कुमार एवं अमर जी राय दुन्नू प्रशिक्षित अभिनेता छथि आ हिनका लोकनिक निर्देशकीय प्रयास ततबे सराहनीय। नाटकक विषय तत्कालीन समाजक रूढ़िवादिता पर अनेकानेक प्रश्न ठाढ़ करैत लिखल गेल अछि। कनियाँ पुतरा खेलबाक वयसमे बाल विवाह, यौवनावस्था चढ़ितहि विधवा आ तकरा बाद जीवन पर्यन्त कुत्सित समाज ओ लोकक अवहेलना केर शिकार एक अबला नारीकेँ केन्द्रमे राखि लिखल गेल एहि नाटकमे नायकक रूपमे राजीव रंजन (रॉकस्टार) अपन चरित्रकेँ स्थापित करबामे सफल रहलाह। राजीव गंदर्भ महाविद्यालय सँ संगीतक प्रशिक्षण लरहलाह अछि, संगहि मैलोरंग सँ अभिनय प्रशिक्षण सेहो। निशा झा (कन्या), कन्याक पिता विपुल झा, कन्याक माए ज्योति झा, बरक पिता संजीव बिट्टू,विधवा सुधा झा आ सहयोगी पात्रमे मुकेश झा, नितीश कुमार, मनोज पाण्डे, सोनी झा, रमण कुमार, पूजा प्रियदर्शिनी, दीपक ठाकुर,संजीव कुमार एवं अन्य कलाकार लोकनिक उपस्थिति बेस उत्कृष्ट। प्रकाश श्याम सहनी आ पार्श्व गीत रंजना झाक (रेकॉर्डेड ऑडियो) स्वरमे दृश्यक हिसाबे फिट बैसैत छल।

मंच संचालनक जिम्मा छलनि  मैलोरंगक निदेशक प्रकाश झाकेँ जे यात्री जीक मूल काव्य पाठ विलापक प्रस्तुतिक उपरांत नाटकक मंचन भेल। कार्यक्रमक मुख्य अतिथि वरिष्ठ रंगकर्मी सुमन कुमार एवं दिनेश खन्नाक गरिमामय उपस्थितिमे नाटक पूर्ण सफल रहल।