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Saturday, February 25, 2017

मैथिली साहित्य महासभा,दिल्ली द्वारा तृतीय वार्षिक संगोष्ठी


विश्व मातृभाषा दिवस २१ फरवरी २०१७ कसमूचा विश्वक भाषाभाषी लोकनि द्वारा अपन-अपन मातृभाषाकें लठाम-ठाम आयोजन कएल गेल. एहि सुअवसर पर मैथिली भाषानुरागी द्वारा सेहो कएक ठाम बढि-चढ़ि कआयोजन कएल गेल. राजेन्द्र भवन,दिल्लीमे मैथिली साहित्य महासभा द्वारा एहि आयोजनमे वरिष्ठ साहित्यकार लोकनिक उपस्थिति बेस ज्ञानवर्धक रहल. एहि बेर संस्था द्वारा वक्तव्य हेतु राखल गेल निर्धारित विषय छल-मिथिलाक सांस्कृतिक परम्परामे लोक देवी-देवता”. कार्यक्रमक मध्यमे कवि गोष्ठी एवं मैथिली संगीतकें सेहो प्रमुखता सराखल गेल छल.

नवोदित गायिका स्नेहा झा (१२ वर्ष) द्वारा गाओल गेल गोसओनिक गीत जय-जय भैरविप्रारम्भ भेल एहि कार्यक्रममे उक्त विषय पर उपस्थित साहित्यकारमे रामचन्द्र मिश्र मधुकर”, डॉ. उदय नारायण सिंह नचिकेता”, मृदुला प्रधान आ डॉ. चन्द्रशेखर पासवान आदि मिथिलाक विभिन्न लोक देवी ओ देवता पर अपन-अपन फरिछाएल दृष्टिकोण रखलनि. स्वागताध्यक्ष छलाह मंथन आइ.ए.एस. कोचिंग केर संरक्षक संस्थापक डॉ. पूर्णेंदु शेखर झा आ एहि कार्यक्रमक अध्यक्षता केलनि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. उमाकान्त झा. मंच पर अखिल भारतीय मिथिला संघ केर अध्यक्ष विजय चन्द्र झा सेहो अपन वक्तव्य रखलनि.

एहि अवसर पर मैथिली भोजपुरी अकादमीक उपाध्यक्ष संजॉय सिंह से उपस्थित छलाह।कार्यक्रममे संस्था द्वारा प्रकाशित स्मारिकाक विमोचन, ऑफिशियल वेबसाइट केर लोकार्पण एवं चिकना गामक इतिहास ओ वंशावली नामक पोथिक सेहो लोकार्पण भेल. साहित्यकार लोकनिक वक्तव्य मध्य मंच सञ्चालन केलनि संजय झा नागदह, काव्य प्रस्तुति मध्य कवियित्री कुमारी शुभांगिनी चौधरी आ सांस्कृतिक कार्यक्रमक सञ्चालन केलनि प्रसिद्ध उद्घोषक राधे भाई. 

एहि सुन्नर सन आयोजनमे नितीश कर्ण,महेश डखरामी,विमलेन्दु सागर,मृदुला प्रधान,रामचन्द्र मिश्र मधुकर,कुमारी शुभांगिनी चौधरी,विजया भारती आदि स्वरचित काव्य पाठ केलनि.
मैथिली गीत-संगीतमे कुञ्ज बिहारी मिश्रक गाओल जय-जय भैरवि पर कत्थक नृत्य केलनि हृदेव राय, अंजना आर्या द्वारा हम नहि शिव संग धिया वियाहब/हम छी मिथिलाक वासी हमरा गुमान भगेलै, विकाश झा द्वारा हम छी मैथिली हमर शान मिथिला/हम नैं जेबै ओ गली बदनाम छै (सियाराम झा सरस रचित),विजया भारती द्वारा पिया मोरा बालक/गाम नगर बस्ती बजार फागुनमे/तोरा सप्यार छै /हे सैंया तोरे बैंया पडै छी/छरारारारा रंग डारे गुललबा छरारारारा रंग डारे/समदाउन-पीपरक बाट सहो बाबा,स्नेहा झा द्वारा-गे माई चन्द्रमुखी सन गौरी हमर छथि आ अंतमे पंडित रामकृपाल त्रिपाठी रचित संजय झा नागदह एवं आनन्द मोहन झाक जुगलबंदीमे गाओल गेल संस्कृत गानक संग कार्यक्रमक समापन भेल.

कार्यक्रम प्रारम्भ ससमापन धरि दर्शक दीर्घाकें आनंदित करैत रहल आ उपस्थित साहित्य आ संस्कृति प्रेमी लोकनिकें थाम्हि रखबामे सक्षम भेल.

मैसाम केर तृतीय वार्षिक संगोष्ठी सफलतापूर्वक संपन्न


२१ फरवरी २०१७ कअन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस केर उपलक्ष्यमे मैथिली साहित्य महासभा,दिल्ली द्वारा कॉन्स्टीट्यूशन क्लबमे तृतीय वार्षिक संगोष्ठी संपन्न भेल. ज्ञात हो कि संस्था द्वारा प्रतिवर्ष १४ फरवरी कवसंतोत्सवक अवसर पर मैथिल युवा कवि सम्मलेन, २१ फरवरी कवार्षिक संगोष्ठी आ किछु निश्चित समयांतराल पर मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार/लेखक आदिक एकल व्याख्यान आ बर्ख २०१६ समैसाम युवा साहित्य सम्मान (नगदी आ प्रशस्ति पत्र सहित) देबाक परम्परा सेहो प्रारम्भ कएल गेल अछि जाहिमे पहिल सम्मान भेटल छल कोलकाता प्रवासी युवा कवि चन्दन कुमार झाकें. एहि ठाम ई बात स्पष्ट करब एहि दुआरे आवश्यक अछि जे संस्था द्वारा साल भरि किछु नें किछु साहित्यिक गतिविधि चलैत रहैत अछि जेकि संस्था द्वारा साहित्यक प्रति गंभीरताक द्योतक अछि.

कॉन्स्टीट्यूशन क्लबमे आयोजित एहि विशुद्ध साहित्यिक कार्यक्रममे वक्तव्य हेतु राखल गेल विषय छल विद्यापतिक साहित्यमे सामाजिक संदेश”. कार्यक्रमक शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, महाकवि विद्यापतिक चित्र पर माल्यार्पण ओ गोसाओनिक गीत जय-जय भैरविभेल. स्वागत भाषणमे संस्थाक अध्यक्ष अमरनाथ झा विलुप्त होइत अनेकानेक भाषा संबंधी डाटा संचयनमे मैथिली पर एहेन खतरा नैं आबय ताहि हेतु बेसी सबेसी प्रचार प्रसारमे नियमितता रखबाक नेहोरा कएलनि. आमंत्रित अतिथि लोकनिकें तुलसिक गाछ आ महाकवि भोला लाल दास केर फ्रेमिंग फोटो स्मृति चिन्ह सम्मान केर रूपमे देल गेल. संस्था द्वारा सम्मान हेतु उपरोक्त चयन साहित्य पुरोधा संगहि प्रकृति संरक्षणक प्रति कृतज्ञताकें सेहो देखबैत अछि. उक्त विषय पर आमंत्रित विद्वतजनमे डॉ. वीरेन्द्र मल्लिक,डॉ. पंकज मिश्र, डॉ. श्रीधरम, गिरिजानंद झा अर्धनारीश्वर”, रमेश जी आ अध्यक्षता केर भार देल गेल छलनि बर्ख २०१६ केर साहित्य अकादमी पुरस्कार ससम्मानित साहित्यकार श्याम दरिहरेकें. विद्यापतिक साहित्यमे सामाजिक संदेश विषय पर प्रत्येक वक्ता लोकनि अपन-अपन फरिछाएल दृष्टिकोण रखैत मैथिली भाषाक महत्ता,माहात्म्य,पौराणिकता आ समकालीनता पर वक्तव्य देलनि. कार्यक्रममे हिन्दी अकादमीक विशेष कार्याधिकारी (कार्यक्रम) देवेन्द्र देवेश आ मैथिली भोजपुरी अकादमीक उपाध्यक्ष संजोय सिंह सेहो मातृभाषाक महत्त्व पर प्रकाश देलनि.

सभागारक मुख्य प्रवेश द्वार पर किछु संकलित मैथिली पोथी केर स्टॉल सेहो आकर्षण बढ़बैत छल. कार्यक्रमक सञ्चालन टीवी पत्रकार कंत शरण द्वारा कएल गेल जेकि भाषानुरागी आ साहित्यकारक मध्य नीक तालमेल बना सुन्नर सन शैलीमे पहुँचेबाक प्रयास करैत देखल गेला. कार्यक्रमक सफलता हेतु छोट सछोट बातकें गंभीरता सलेल गेल छल आ से आयोजनक व्यवस्था सस्पष्ट देखल जा सकैत छल . अंतमे संस्थाक उपाध्यक्ष सुनीत ठाकुर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन आ चाह पनपिआइअक संग आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न भेल.

Friday, February 17, 2017

भारत रंग महोत्सवमे मैथिली नाटक आब मानि जाउ


दिनांक-१६ फरवरी २०१६ (वृहस्पति दिन) कराष्ट्रीय नाट्य विद्यालय,दिल्ली केर एल.टी.जी सभागार मे ३:०० बजे आ ५:३० बजे क्रमशः दू टा शो केर सफल मंचन कएल गेल. भारत रंग महोत्सव मे विभिन्न भाषाक प्रस्तावित करीब ६५० नाटकक मध्य किछु सीमित आ अंतिम चयन प्रक्रियामे मैथिली नाटकक पहिल बेर चयन एवं मंचन भेल।

मैथिली रंगमंचक चर्चित संस्था मैलोरंग द्वारा स्व. अनिल चन्द्र ठाकुर लिखित ओ मैलोरंग प्रकाशन सप्रकाशित मैथिली उपन्यास आब मानि जाउकेर नाट्यान्तरण मैलोरंगक रंगमंडल प्रमुख मुकेश झा द्वारा कएल गेल अछि. स्त्री विमर्श पर आधारित एहि नाटकमे गरीब आ शोषित समाजक नारीकें केंद्र मे राखि तत्कालीन समयक जमींदार लोकनिक दुराचारी स्वभाव, चरित्रहीनता आ अमर्यादित बेवहारकें उजागर करैत आडम्बरी समाजक मुँह पर थापड़ मारबाक एकटा सचेष्ट प्रयास कएल गेल अछि. नारी भोग विलास मात्रक वस्तु नैं अपितु दृश्य ओ अदृश्य शक्तिक द्योतक सेहो अछि. नारी जा धरि बन्हनमे अछि ता धरि ओ शोषित अछि मुदा जहिया आत्मबल वा दृढ़संकल्पता ओकर समर्थन करब प्रारम्भ कदेइत अछि फेर तओ रणचंडी बनि प्रकट भजाइछ आ एहने सन भाव देखल जाइछ एहि नाटकक आलोकमे. परिकल्पना आ निर्देशन छलनि प्रकाश झाक.

मंच पर-बुचिया-सोनिया झा, गिरधर- मुकेश झा, कुलदेव-मनोज पाण्डे,माय-नीरा झा, कनियाँ-पूजा प्रियदर्शिनी,काकी-सोनी झा,भागीरथ बाबू-मायानन्द झा, र-निखिल गुप्ता, संगी-रोशन,संजीव आ विवेक, कथावाचक -नितीश कुमार,रमण कुमार,ऋतुराज आ संजीव बिट्टू आदि. मंचक पाँछा- संगीत-अनिल मिश्र,दीपक ठाकुर आ राजीव रंजन झा, नृत्य-रमण आ पूजा, प्रकाश-श्याम साहनी आ सोनू पिलानी, उद्घोषकक भूमिकामे दीपक यात्री,सहायक निर्देशन-अमरजीत राय आदि.

विगत दस बर्खमे दिल्ली प्रवासी रंगप्रेमीक संख्यामे एतेक वृद्धि भचुकल अछि जे एहि नाटकमे क्रमशः ५०,१००,२०० आ ३०० टाकाक टिकट द्वारा प्रवेश रहलाक बावजूदो नाटकक मंचन दू खेपमे करब मैलोरंगक प्रति प्रेक्षकक सिनेहकेँ दर्शाबैत अछि।