२६
नवम्बर २०१६ क’
विश्व मैथिल संघ,बुरारी,दिल्ली द्वारा छठम विद्यापति स्मृति पर्व समारोह बेस धूमधाम
स’
मनाओल गेल. मैथिलीक प्रसिद्ध गीतकार आदरणीय रविन्द्र ठाकुरक
करकमल स’
दीप प्रज्ज्वलनक उपरान्त मंच पर स्थापित महाकवि बाबा
विद्यापतिक चित्र पर पुष्प माल्यार्पणक उपरान्त संस्थाक सदस्य लोकनि ओ उपस्थित
दर्शक द्वारा महाकवि रचित गोसाओनिक गीत “जय-जय भैरविक”
सामूहिक गान केर संग सांस्कृतिक कार्यक्रमक शुभारम्भ कएल
गेल. संस्था द्वारा विधिवत औपचारिकताक पश्चात कार्यक्रमक मंच सञ्चालन हेतु
प्रसिद्ध उद्घोषक अद्भुतानंद जी मैथिलक सुच्चा परिधान धोती-कुर्ता,पाग-डोपटा धारण केने हाथमे अगरबत्ती नेने मंच पर प्रवेश
करैत सर्वप्रथम बाबा विद्यापतिक प्रतिमा पर नमन करैत श्रद्धांजलि देइत अपन
उद्घोषणा प्रारम्भ केलनि.अद्भुतानंद जी हास्य-व्यंग्य ओ समसायिक विषय वस्तु पर
स्वरचित काव्यक छोट-छोट पाँतिक अद्भुत शैलीमे प्रस्तुति देइत थोपड़ी समेटबामे बेस
सफल रहलाह.
गायन
हेतु प्रथम आमंत्रण छल युवा गायक देवानन्द केर जेकि “काली वंदना” स’
प्रारम्भ करैत बाबा विद्यापति रचित “चानन भेल विषम सर रे” गीतक प्रस्तुति देइत दर्शककें अनथक थोपड़ी बजेबा लेल बाध्य करैत रहलाह आ
श्रोताकें मंच स’
दीर्घकाल धरि बान्हि रखबा लेल अपन उत्तम प्रस्तुति देलनि.
कुमकुम मिश्रा द्वारा भगवती गीत “जगदम्ब दया करू
हे”
आ “गौरी लए केहेन बर अनलौं ना” केर सुन्दर प्रस्तुति. कविश्रेष्ठ रविन्द्र नाथ ठाकुरक सम्मानक उपरान्त हुनक
मुखारविंद स’
स्वरचित काव्य पाठ “जखन ई समय होइत अछि बाम” आ सोहर “जनक भेलाह जनक जी” केर गायन ओ हुनक उपस्थिति स’ श्रोतागण
कृतार्थ भेलाह. कवि/गीतकार/गायक चन्द्रमणि जीक “लाले-लाल अरहुल के माला बनेलौं” आ “अहाँ मैथिल छी बूझू दियमान बढि गेल” एहेन वातावरण बनौलक जे दर्शक दीर्घा स’ आर बेसी गीत सुनबाक आग्रह होमय लागल.
कलाकारक
बाहुल्यता देखि पहिल चक्रमे प्रत्येक कलाकारकें मात्र दू गोट गीतक अनुरोध कएल गेल
छलनि मुदा चन्द्रमणि जीक प्रसिद्धि ओ कृति तेहेन जगजियार छनि जे लोकक आग्रह स’ स्पष्ट प्रतीत होइत छल आ तकरे परिणामस्वरूप उपरोक्त दू स’ तेसर “मैथिल जागू-जागू” चारिम “पिया डांरे पर
घैला भसकि गेलै ना”
आ पांचम “तोरे लेल हम
आँगी सियेलौं”
धरिक प्रस्तुति उपरान्त आग्रह निरंतर होइत रहल मुदा समय
सीमा कें धेआन रखैत बाध्य भ’ पुनर्प्रस्तुतिक
नेहोराक संग विदा लेलनि. दिलीप दरभंगिया द्वारा “सिन्दूर पिठार ल’
क’
अरिपन करितौं हे कने अबियौ काली” आ “जोगिया एक हम देखल गे माई” केर सुन्दर प्रस्तुति. रंजना झा द्वारा “पिया मोरा बालक हम तरुणी गे” आ “मिथिला के नगरिया स” केर सुन्दर प्रस्तुति.
सांसद ओ
गायक मनोज तिवारी द्वारा “के पतिया लए जायत रे”, “काँचहि बाँस के बहंगिया”, “जिय’ हो बिहार के लाला” आदिक प्रस्तुति. युवा गायक विकास झा द्वारा “अछि अधिकार हमर ई मिथिला राज हम लए क’ रहबै”,
“नैना कने मिला ले”, “हमर मोनक गाममे”
एवं अन्य आधुनिक गीत पर श्रोताकें खूब झुमौलनि.
पुनः
दोसर चक्रमे कुमकुम मिश्रा द्वारा “बिहारी नौजवान रे”
आदि किछु आधुनिक गीत ल’क’
उपस्थित भेली. दिलीप दरभंगिया द्वारा दोसर बेरक चक्रमे “नैं झारखंडी नैं भोजपुरिया, हम छी सौ परसेंट दरभंगिया” आदि आधुनिक गीतक
क्रममे किछु एहनो गीत गाओल गेल जकरा पसीन केनिहार मात्र पाँच प्रतिशत मनुख सभ
कार्यक्रममे मनोरंजन हेतु पहुँचैत अछि. अंतमे रंजना झा द्वारा समदाउन आ नचारीक
प्रस्तुतिक संग कार्यक्रमक समापन भेल.
कार्यक्रमक
बीच-बीचमे मैथिली फिल्म अभिनेता विनोद साजन एंड ग्रुप द्वारा लोकगीत पर नृत्य सेहो
दर्शकक संतुलन बना रखलक. ध्वनि एवं प्रकाशक सुन्दर व्यवस्था. प्रसिद्ध तबला वादक
भोला वर्माक संग सुन्नर तालमेल मे संगीत वाद्ययंत्रक अन्यान्य वादक लोकनि सेहो
ततबे माहिर. समयाभावमे किछु आमंत्रित कलाकार बिना गओने सेहो चल गेलाह मुदा बिना
कोनो अन्यथा विचारधारा बला संघर्षशील युवा गायक धीरज मिश्र बिनु साज-बाजकें
संस्थाक उपस्थित सीमित सदस्यक बीच “एहेन सुन्दर मिथिला धाम, पायब दोसर कोन
ठाम”,
“रीझि गेली भवानी भवानी भंगिया मे” आदि गीत गाबि बेस आनंदित वातावरण बनौलनि.
अतिथिक
रूपमे सांसद मनोज तिवारी,
सांसद पप्पू यादव, विधायक संजीव झा,
पूर्व विधायक प्रत्याशी गोपाल झा, पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्ञान सुधा मिश्र, अखिल भारतीय मिथिला संघक अध्यक्ष विजय चन्द्र झा, मिथिलालोक सह ब्रिटिश लिंगुआ अंग्रेजी संस्थानक चेयरमैन डॉ.
बीरबल झा आदिक उपस्थिति,
मिथिला स्टूडेंट यूनियन, मिथिला राज्य निर्माण सेना आदिक उपस्थिति बेस आकर्षक रहल. संस्था द्वारा
स्थानीय मैथिल समाजक बच्चाक बीच कराओल गेल प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता प्रसंशनीय
डेग. एमएसयू केर कैनेपी,
मिथिला गृह उद्योग केर स्टॉल,माँछ-भात आ अन्यान्य मिथिलाक व्यंजनक स्टॉल पंडालक बाहर बेस आकर्षण. एहि बेरुक
मंच सज्जा एल.ई.डी एवं रंग-बिरंगा प्रकाश युक्त व्यवस्था बेर-बेर आकर्षित करैत छल.
एहि अवसर पर एक स्मारिकाक सेहो प्रकाशन कएल गेल.
उक्त
संस्था द्वारा एहि विशाल आयोजन एवं सफलतापूर्वक संपादन हेतु मिथिली मैथिलीक प्रखर
सेनानी संस्थापक अध्यक्ष हेमन्त झा, अध्यक्ष अनिल झा,
दीपक फाउंडेशन केर संस्थापक दीपक झा सहित समूचा विश्व मैथिल
संघक सदस्य साधुवाद ओ शुभकामना केर पात्र छथि.