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Saturday, October 01, 2016

मंच स’ बेसी मनोबल चाही


सोशल नेटवर्कक समुचित उपयोग करैत मैथिली साहित्यकार लोकनि बिना कोनो ताम-झाम कें एक दोसराक रचनाधर्मिता सअवगत हेबा लेल कोनो मंच, ऑडिटोरियम वा संस्था विशेष द्वारा नोत-हकारक प्रतीक्षा नैं अपितु मुक्ताकाशक चयन करब प्रारम्भ कदेने छथि. एहि सार्थक दिशामे युवा लोकनिक डेग आगाँ बढिते श्रेष्ठजनक अपेक्षित सहयोग भेटब सेहो ततबे आह्लादकारी अछि. संख्यामे बेसी नवतुरहा युवा लोकनि जतय अपन संस्कृति ओ भाखा सविमुख भेल जा रहल छथि ओत्तहि पुरखा साहित्यकारक कीर्ति ओ जोगदान सअनभिज्ञ रहब सर्वथा चिंतनीय ओ हीनभावना के देखार करैत अछि. वैश्विक स्तरक भोगविलासी जीवन व्यतीत करबा लेल रंग-बिरंगक व्यावसायिक कोर्स कव्यक्तिगत लाइफ सेटलमेंट सन सीमित सोचक संग सिमटल जा रहल स्थिति अपन संस्कृतिक प्रति उदासीनता ओ असामाजिकताकें प्रमाणित करैत अछि. संख्यामे कम्मे मुदा व्यक्तिगत लाइफ सेटलमेंट केर संग-संग व्यस्ततम समयमे सथोड़-बेस समय निकालि संस्कृति  संरक्षण-संवर्धनक पक्षधर ओ उदारवादी विचारधारा नेने निस्सन सोच ओ आत्मविश्वासक संग बढ़ि रहल साहित्यिक क्रियाकलापक गतिशील डेग भविष्यमे फलित हेबाक स्पष्ट संकेत दरहल अछि.

युवा साहित्यकार लोकनि द्वारा उठाओल गेल साहित्यिक डेग यथा- अकासतर बैसकी”, “साहित्यिक चौपाड़ि”, “काव्य बैसार”, “साहित्यिक बैसार”, “साँझक चौपारिआदि कएक नाम सभारत,नेपाल,दोहा समेत कत्तेको देश आ ओकर प्रान्तमे पसरल जा रहल स्थिति संतोषजनक भविष्यक अनुभूति करबैत अछि. युवा लोकनिक उठाओल ई डेग एत्तेक तीव्रताक संग आगाँ बढ़लागल अछि जे वरिष्ठ साहित्यकार लोकनि सेहो समय-समय पर अपन बहुमूल्य उपस्थित दस्नेहसिंचित मार्गदर्शन दयुवा लोकनिक मनोबल बढ़ा रहलनि अछि. उपरोक्त आयोजनमे ककरो अपन कएदा-कानून आ औपचारिकता अछि तकोनो आयोजनक स्वतंत्र ओ अनौपचारिक प्रक्रिया. एकर विस्तार भेला ससमय-समय पर दिवंगत साहित्यकार लोकनिक जयन्ती ओ पुण्यतिथि मनेबाक आ हुनक साहित्यिक, राजनितिक, सामाजिक, सांस्कृतिक जोगदानकें संदर्भमे एक-दोसरा सजनबाक चेष्टा ओ स्मरण करब हुनक उचित श्रद्धांजलि कहल जा सकैछ.

आब ई एकटा एहेन पारम्परिक मंच भगेल अछि जतय उपस्थित हेबा लेल नैं तनोत-पता पठाओल जाइत अछि आ नें तकर अपेक्षा कएल जाइत अछि. आयोजनक सूचना जाहि कोनो माध्यमें भेटय ओ चाहे टेलीफोनिक होए, सोशल नेटवर्कक माध्यमें होए, मौखिक कहल गेल होए वा कतहु सुनल गेल होए उक्त तिथि ओ स्थान पर सहर्ष पहुँचला उत्तर स्वागत अछि. उपरोक्त आयोजनमे विधा विशेष निपुणताक आधार पर उपस्थित रचनाकारकें समान रूपे मुक्त कंठ सरचना परसबाक अवसर भेटैत छनि संगहि त्रुटि सुधारार्थ तत्क्षण मार्गदर्शन आ उत्तम रचना प्रस्तुति हेतु ततबे प्रशंसा सेहो. नवोदित रचनाकार हेतु ई एकटा एहेन मंच अछि जतहुनक आत्मविश्वास बढ़ाओल जाइत अछि आ शनैः-शनैः परिपक्वता दिस अग्रसर कएल जाइत अछि. पटना प्रवासी युवा साहित्यकार लोकनि द्वारा प्रारम्भ कएल साहित्यिक चौपाड़िअपन एक बर्ख पूर करबाक उपलक्ष्यमे एकटा महत्त्वपूर्ण आ अभिनव प्रयोग केलक अछि जे विगत एक बर्ख मे आयोजित चौपाड़िमे पठित रचनाकें संकलित कप्रकाशनमे अनलक अछि आ उमेद अछि जे प्रकाशनक ई प्रयोग उर्ध्वगामी होइत रहत. युवा पीढ़ीक ई सार्थक सोच आ जोगदान भविष्यक इतिहासमे सेहो अंकित हएत आ स्मरणीय रहत ताहि आशा आ विश्वासक संग समर्पित सेनानीक उज्जवल भविष्य ओ दीर्घायुकें कामना !