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Tuesday, August 16, 2016

कथारंग संग मैलोरंगक पनरह अगस्त


स्वतंत्रता दिवसक सुअवसर पर १५ अगस्त २०१६कमैथिली रंगमंच दिल्लीक संस्था मैलोरंग अपन पंजीकृत कार्यालय एमएलआर स्टूडियो थियेटर, शकरपुर,दिल्लीमे नाट्य मंचन केर आयोजन केलक. एहि आयोजनमे मैलोरंगक किछु नवप्रशिक्षु आ किछु प्रशिक्षित रंगकर्मी लोकनिकें नाटकक चयन,निर्देशन ओ अभिनय हेतु स्वतंत्र निर्णय लेमय हेतु अधिकृत कदेल गेल छलनि.

ज्ञात होकि मैलोरंग अपन प्रयोगधर्मिता वास्ते जानल जाइत अछि आ ओएह प्रयोगक क्रममे एकटा अद्भुत प्रयोग छल एकल अभिनय मंचन. ई प्रयोग प्रथमतः अपनहि कार्यालय आ सीमित दर्शकक संग कएल गेल ताकि भविष्यमे एकल अभिनय के सार्वजनिक मंच पर सेहो अनबाक प्रयास करत मैलोरंग. एहिमे छ: गोट कथाकारक कथा पर आधारित छ: गोट अभिनेता एकल अभिनय आ अपने ऊहि सस्वयं के निर्देशित केला जेकि एक-स’-बढिक’-एक मने उपराउपरी. नाटकक भाषा हिन्दी आ मैथिली मिश्रित छल.

अभिनय आ नाटकक क्रम एहि तरहें छल- १. कथा-ठेस (हिन्दी), लेखक-फणीश्वरनाथ रेणु,अभिनय-नीतिश कुमार झा २. कथा-मत रो पापा (हिन्दी), लेखक- उमाशंकर सिंह, अभिनय-राजीव रंजन ३. कथा- कप्तान और सौदागर (हिन्दी), लेखक- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला,अभिनय-रमण कुमार, ४. कथा-लीप सेकण्ड (हिन्दी),लेखक-इंदिरा दाँगी,अभिनय-विवेक कुमार ५. कथा-अगाध प्रेम (हिन्दी),लेखक-शरतचंद चट्टोपाध्याय,अभिनय-संजीव कुमार बिट्टू ६. कथा-ललका पाग (मैथिली), लेखक-राजकमल चौधरी, अभिनय-ज्योति झा आ ७. हरिजन गाथा (हिन्दी),लेखक-बाबा नागार्जुन,अभिनय-रोशन यादव.

मंचनक उपरान्त अन्तमे पूजा प्रियदर्शिनी,नेहा आ आकाँक्षा पाल द्वारा विशेष रूप सतैयार कएल गेल देशभक्ति गीत देश मेरा रंगीलापर नृत्य प्रस्तुत कएल गेल आ एहि तरहें सीमित समयमे प्रयोग कएल गेल मंचनक ई नवरूप देखबामे आएल. मंच सञ्चालन-मनोज पाण्डे, लाइट-ऋतुराज,कैमरा-संजीव बिट्टू, संगीत-दीपक ठाकूर, स्वर-राजीव रंजन, सम्पूर्ण मार्गदर्शन-मुकेश झा आ प्रकाश झा, अन्य सहयोग-नीरा झा,सोनी झा आदि. मंचनक उपरान्त कीर्तन-भजन, देशभक्ति गीत,पारम्परिक गीत आदिमे हारमोनियम पर दीपक ठाकुर, ढोलक पर ऋषि मलंगिया आ गायन राजीव रंजन झा रॉकस्टारकेर संग हास्य विनोदक संग सफलतापूर्वक संपन्न भेल.

स्वाधीनता दिवसक उपलक्ष्यमे मैथिली-भोजपुरी अकादमी दिल्लीक काव्यगोष्ठी


दिनांक-१३ अगस्त २०१६ (शनिदिन) कदिल्लीक आईटीओ स्थित प्यारेलाल भवन मे मैथिली भोजपुरी साहित्य अकादमी,दिल्ली सरकार द्वारा आने साल जेंका अहू बेर स्वाधीनता दिवस केर विशेष अवसर पर मैथिली आ भोजपुरी कवि सम्मलेनक आयोजन कएल गेल. कार्यक्रमक शुभारम्भ हिन्दी देशभक्ति गीतक संग प्रारम्भ भेल,राष्ट्रगान जन-गण-मनभेल संगहि एक गोट आर देशभक्ति गीत भोजपुरीमे प्रस्तुत कएल गेल आ उपरोक्त तीनू प्रस्तुति वाद्य-वादनक संग सामूहिक छल.
कवि सम्मलेनक शुभारम्भ सपूर्व दीप प्रज्ज्वलन कएल गेल जाहिमे दिल्ली सरकारक संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा, अकादमीक उपाध्यक्ष संजॉय सिंह, कार्यक्रमक अध्यक्ष नित्यानंद तिवारी आदि लोकनिक करकमल सभेल. दीप प्रज्ज्वलित भेला उपरान्त अवनींद्र ठाकुर (प्रसिद्ध गीतकार/कवि रविन्द्र नाथ ठाकुरक सुपुत्र) द्वारा मैथिलक आस्था सजुड़ल महाकवि विद्यापति रचित गोसाओनिक गीत जय-जय भैरविकनक भूधर शिखरवासिनीबिना कोनो वाद्य-वादन व्यवस्था कें रहितो कर्णप्रिय परिवेश बनौलक.

अकादमीक उपाध्यक्ष द्वारा मंच सई आश्वस्त कएल गेल जे हमरा अहाँक बीच जे कोनो भाषा संबंधी भ्रम पसारल जा रहल अछि ओ हमरा लोकनिकें बंटबाक चेष्टा कएल जा रहल अछि जखनकि हम समस्त पुरबिया बन्धु एक छी आ ई मैथिली-भोजपुरी,अंगिका,बज्जिका,मगही आदि सभ ममेरी,फुफेरी,चचेरी बहिन थिक तैं हम जा धरि अकादमीमे रहब एकरा प्रति संवेदनशील रहब. कपिल मिश्रा देशक स्वाधीनतामे पुरबिया समाजक जोगदान के उजागर करैत हमरा लोकनिक महत्त्वकें जनौलनि. मंच संचालन आंशिक रूप ससचिव हरिसुमन विष्ट,अनामिका आ कुमकुम झाक रहलनि मुदा पूर्ण सञ्चालन मैथिल कवि मंज़र सुलेमान केलनि.

कवि सम्मलेन मे एक मैथिल आ एक भोजपुरी कविक पार छल आ काव्य पाठक क्रम जे छल से एहि प्रकारे-अनामिकाक भोजपुरी कविता चुटपुटिया बटन आ गोदना, कुमकुम झाक मैथिली कविता हमर देश हमर जीवन प्राण आ परिसंवाद, राजेश कुमार माँझीक भोजपुरी कविता-देश लागी अब कउना किनार सखिया,चमके ऐसे जग में जैसे चाँद और सितारा आ हे आगत तोहर स्वागत बानी सदी रूपी मेहमान, स्वाती शाकम्भरीक मैथिली कविता-हमर वेदना,हमर संवेदना,हमर योजना,हमर संयोजना, हे स्वतंत्रता अहाँकेँ समर्पित अछि आ बायोडाटा, अनूप पाण्डेक भोजपुरी कविता-मीत अचके में मन परि जाला , आग लाग जाइ ओइसन विकास मे आ  एकदिन मास्टर दीनानाथ दुआरी पर भेटेला, अरविंद कुमार मिश्र नीरजक मैथिली कविता-हमर ई भारत बड़ा महान आ शशि श्यामला धरती परती, सरोज सिंह-साथी हो जब तूँ हमरा के घर ले जैब, हउआ के हाथ भेल बड़ा ज़ुलूम बा आ बिसुखी गैया, तारानन्द झा "तरुण"क मैथिली कविता-देश हमर भारत अछि जै पर गुमान हमर आ जिनगी सँ' जोड़ि ली नेहक शुचि सरवर में अपना केँ बोरि ली, अलका सिंहक भोजपुरी कविता-जानतानी खुश त' होखनें आ रेल के खिड़की से कैसे निहारी ला हरियर हरियर खेत, मंज़र सुलेमानक मैथिली कविता-आत्मामे बसैत देश (दीर्घ कविता), ज़ौहर शाफ़ियावादीक भोजपुरी कविता-जेकरा मनमे त्याग बा ज़ौहर ऊ जगमे होशियार बा ज़ौहर,नेह नाता के घैली घड़ा ले गइल,मातृभूमि के कण कण में भारत के निर्माण कर आ अभी गुलामी गइल कहाँ बा, गँगेश गुँजनक मैथिली कविता-किछु नञि क' गेलाह पिता हमरा नाम,ई गाछ एक दिन मंदिर सपैघ भजेतै,प्रेमक डिजीटल जुग आ मैथिली गीत गामक सीमान जेंकां हमर मोन बाँटल अछि, गुरचरण सिंहक भोजपुरी रचना-असियो बरिस में जवानी चढ़ आइल बा,परेशानी के ज़हर जे पी रहल बा आदमी,पंद्रह अगस्त रोज मनाबे के परी अब, घड़बा फुटबे करी कहिओ नें कहिओ आदि रचनाक संग सफलतापूर्वक संपन्न भेल.

अन्तमे अध्यक्षीय वक्तव्य मे आमंत्रित अतिथि ओ वरिष्ठ कवि नित्यानंद तिवारी सभ कवि ओ कुशल श्रोताकें धन्यवाद ज्ञापित करैत महाकवि विद्यापतिक बेस गुणगाथा कहैत वक्तव्यकें विराम देलनि.