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Thursday, August 20, 2015

बिहार सम्मान ओ नीतीश-केजरी मिलान


बुधदिन,19 अगस्त 2015, बेरू पहर 3 बजे सकला,संस्कृति एवं भाषा विभाग, दिल्ली सरकारक तत्त्वाधान मे मैथिली भोजपुरी साहित्य अकादमी द्वारा मावलंकर हॉल केर सभागार मे बिहार सम्मान समारोहकेर आयोजन कैल गेल. मुख्य अतिथि केर रूप मे बिहारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आमंत्रित छलाह. विशिष्ट अतिथि अकादमीक वर्तमान अध्यक्ष आ दिल्ली सरकार मे मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल छलाह. कार्यक्रमक अध्यक्षता केलनि कपिल मिश्रा (कला,भाषा आ संस्कृति मंत्री,दिल्ली सरकार).

कला/साहित्य/राजनीति आदि क्षेत्र में विशेष ख्यातिप्राप्त लोक के सम्मान करबाक उद्देश्य सकार्यक्रमक आयोजन कैल गेल छल जाहिमे मिथिला मिथिलोत्थानमे रंगकर्मक माध्यम सनिरंतर जोगदान देनिहार प्रकाश झा (निदेशक-मैलोरंग) आ साहित्य वास्ते गंगेश गुँजन सहित कतेको गणमान्य व्यक्ति सम्मानित भेला. सम्मानक क्रममे फ्रेमिंग करैल प्रशस्ति पत्र आ शाल देल गेलनि आ राशि के नाम पर केजरीवाल, सिसोदिया आ नीतीश कुमारक चौवनिया मुस्कान. सांस्कृतिक कार्यक्रममे सांगीतिक प्रस्तुति हेतु मिथिलारत्न कुञ्जबिहारी मिश्र आ भोजपुरी के बहुचर्चित गवैया भरत शर्मा व्यास आमंत्रित छलाह. कार्यक्रमक रूप रेखा पूर्व निर्धारित छल आ तदनुसार संपन्न भेल.

बिहार विधानसभाक चुनाव नजदीक अछि आ दू-दू टा मुख्यमंत्री एक मंच पर अतिथि छथि तस्वाभाविक छै जे राजनीतिक हलचल रहबे करतै आ सेएह भेबो केलै. दुन्नू जनप्रतिनिधि एहि सुअवसर पर मंच केर भरि पोख उपयोग करैत अपन-अपन उपलब्धि केर भूरि-भूरि प्रशंसा केलनि अन्यथा मैथिली-भोजपुरी भाषाक विकास आ वृहत रूपरेखा केर चर्च-बर्च हेबाक चाही छलै. पहिल बेर एहेन बुझना गेल जे अकादमीक आयोजन कम आ आम आदमीक (पार्टी) आयोजन बेसी छल. अकादमी एहि बेर भाषा प्राथमिकता विवाद सबचबाक ब्यौंत तकेलक मुदा राजनीतिक मंच बना सोझा ठाढ़ करबाक श्रेय सेहो लेलक. मंच पर कुर्सी लगाय कार्यक्रमक आदि सअंत धरि आनंद लेलनि आम आदमी पार्टीक मुख्यमंत्री सहित अन्य नेतागण जेनाकि : कुमार विश्वास,गोपाल राय,मनीष सिसोदिया,के.सी.त्यागी,संजीव झा,ऋतुराज गोविन्द झा,नीरज पाठक आदि.

जनसामान्य में सेहो जेना असंतोष साफ बुझना गेल कारण समय सएक घंटा पूर्व हाउसफुल के सूचना आ हॉलक बाहरी परिसरमे लागल प्रोजेक्टर साउंडविहीन अवस्था में छल जाहिमे फोटो तअबै मुदा अवाजे निपत्ता, ओना एकर तकनीकी संज्ञान लैत जल्दिये सक्रिय कदेल गेलैक. हॉलमे उपस्थित दर्शक में सम्मान/संगीत प्रस्तुति देखबाक जिज्ञासा कम आ केजरीवाल समर्थित कार्यकर्ता (जिनका नैं तमैथिली आ नैं भोजपुरीकें ज्ञान) आ नितीश के सुनबाक जिज्ञासु (खाँटी बिहार निवासी) लोक बेसी देखल गेला जकर सद्यः प्रमाण छल नितीश के प्रस्थान करिते बारह आना लोकक सीट खाली भेनाइ. बाहर में प्रतीक्षारत सुच्चा दर्शक जिनका राजनीति सकम आ कुंजबिहारी जीक जय-जय भैरवि,गुमान छै ई हमरा आ खाकमगहिया पानआदि गीत सुनबाक जिज्ञासा ऑफिस सखीच अनने रहनि से सब जा सीट पर विराजमान भकार्यक्रमक समापन धरि साक्ष्य बनला.

Monday, August 17, 2015

मैथिली-भोजपुरी अकादमी कवि सम्मलेन

रविदिन, 16 अगस्त, संध्या ५ बजे स’ स्वतन्त्रता दिवसक उपलक्ष्य मे कला,संस्कृति एवं भाषा विभाग, दिल्ली सरकारक तत्त्वाधान मे मैथिली-भोजपुरी साहित्य अकादमी, दिल्ली द्वारा आइ.टी.ओ. स्थित आइ.सी.सी.आर. आज़ाद भवन केर सभागार मे कवि सम्मलेनक आयोजन कएल गेल. कार्यक्रम मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री राम बहादुर राय ओ कला एवं संस्कृति विभाग दिल्ली सरकारक मंत्री कपिल मिश्राक करकमल स’ दीप प्रज्ज्वलनक संग राष्ट्रगान स’ प्रारम्भ भेल.

राष्ट्रगानक पश्चात भोजपुरी मे देशभक्ति गीतक सामूहिक प्रस्तुति सेहो कएल गेल आ चटपट मे कार्यक्रम कें आगाँ बढ़ेबाक घोषणा क’ देल गेल मुदा दर्शक दीर्घा मे बैसल मोंटामोंटी २० प्रतिशत मैथिल श्रोताक एक आवाज जे हमरा लोकनिक गोसाओंनिक गीत “जय जय भैरवि” केर सेहो प्रस्तुति हेबाक चाही आ एहि बात कें अकादमीक सचिव राजेश सचदेवा ई कहि टारबाक चेष्टा केलनि जे बाद मे प्रस्तुत कएल जाएत मुदा खाँटी मैथिल दर्शक आ मिथिला अभियानी लोकनिक हस्तक्षेप स’ ई प्रस्तुति संभव भेल अन्यथा अन्ठेबाक प्रयास छल.

अकादमीक पदाधिकारी लोकनिक दूनेती केर कतेको साक्ष्य समय समय पर देखार भ’ चुकल अछि आ तकरे पुनरावृति आजुक दिन सेहो सार्वजनिक रूपे सोझा आएल आ एहि बेर ई जिम्मा लेलनि अकादमीक नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष कुमार संजॉय सिंह. हुनका मैथिली प्रस्तुति केर वास्ते उठल सामूहिक स्वर कने बेसी अखैर गेलनि आ भावुकतावश बजाइओ गेलनि जे हमरा ई अप्रिय लागल. भाषाई विस्तार के चौहद्दी सेहो गनौलनि मुदा मैथिलीक अस्मिता के संगे अंगिका, बज्जिका आ मगही केर कौआ-मैना बला कूड़ी मे बाँटिक’........ खैर हमरा लोकनिक भाषा प्रतिनिधि सेहो नगण्ये जेंकां छथि, ज’ गोट-आध हेबो करता त’ ओ अपन खानापूर्ति क’ क’ निमहि रहलाह अछि आ कहुना भोजपुरिये बहन्ने मैथिलियो घुसकल जा रहल अछि आ ज’ से नैं त’ “जय जय भैरवि”क महत्त्व अकादमीक एक-एक पदाधिकारीकें बुझल रहितनि आ मंच संचालन मे भोजपुरी के संग-संग मैथिलीक सहभागिता सेहो रहबाक चाही.

ओना मंच संचालक भोजपुरीक प्रसिद्ध कवि गुरचरण सिंह अपन प्रस्तुति मे कोनो कोताही नैं केलनि मुदा पाइन-बुन्नी में भागैत-भीजैत एकत्रित भेल भाखाप्रेमी के रसास्वादन मे कने कोताही त’ जरूरे भेलै.

रोष-आक्रोश-भाषण-वक्तव्यादिक पश्चात कवि सम्मलेनक सत्र प्रारम्भ भेल आ एक भोजपुरी के बाद एक मैथिलीक क्रम मे अपन कविता पाठ केलनि चन्द्रशेखर मिश्र (भोजपुरी), रमण कुमार (मैथिली), गोरख प्रसाद “मस्ताना” (भोजपुरी), योगानन्द हीरा (मैथिली), डॉ. जौहर शाफ़ियावादी (भोजपुरी), रविन्द्र नाथ ठाकुर (मैथिली), अलख अनाड़ी (भोजपुरी), गुरचरण सिंह (भोजपुरी) आ अंत में गंगेश गुंजन (मैथिली). तीन गोट आमंत्रित कवि केर अनुपस्थिति रहल जेना कि : जंग बहादुर सिंह (मैथिली), सुष्मिता पाठक (मैथिली) आ सुभद्रा वीरेन (भोजपुरी). एहि तीन गोट अदृश्य कवि केर बात ज’ छोड़ि देल जाए त’ मंचस्थ नौ गोट कवि लोकनिक उमेर ४०-४५ बर्ख स’ ल’ क’ अस्सी बर्ख धरि छल मने एहि विधा के पारंगत लोकनिक समागम छल. भोजपुरी कवि सभ त’ वास्तव में पारंगत बुझना गेला कारण कविताक पाँति के प्रस्तुति गेय रूप मे सोझा राखि बेर बेर थोपड़ी बजेबा लेल बाध्य करैत छला मुदा मैथिली कवि लोकनिक रचना मार्मिक, साहित्यिक आ लौकिक विषय स’ सम्बंधित रहितो मुक्त छन्दक बाट धेने कने निरस प्रभाव बनौने जा रहल छल जकरा सोझ बाट पर अनलनि मैथिलीक चर्चित कवि/गीतकार रविन्द्र नाथ ठाकुर.

गंगेश गुंजन कविता पाठ स’ पूर्व “जय जय भैरवि”क महत्त्व स’ पदाधिकारी आ श्रोता के अवगत करौलनि आ संगहि अकादमी स’ आग्रह केलनि जे नव-नव कविकें सेहो मंच स’ जोड़ल जाय जाहि स’ एके व्यक्ति के बेर-बेर अवसर देला स’ बाँकी प्रतिभा वंचित नैं रहि जाए आ संगहि अकादमीक संगठन मे सुधारात्मक प्रयास सेहो कएल जाए जाहि स’ भविष्य में मैथिली आ भोजपुरी भाषा-भाषी केर मध्य सौहार्दता बनल रहए. सचिवक धन्यवाद ज्ञापनक संग कार्यक्रम संपन्न भेल.

Monday, August 03, 2015

मिथिलाक नारी, नहि छथि बेचारी


विगत रविदिन मने 2  अगस्त 2015दिल्लीक कॉन्स्टीट्यूशन क्लब, स्पीकर हॉल मे मैथिली साहित्य महासभाद्वारा पहिल विद्यापति स्मृति व्याखानमाला केर आयोजन कएल गेल. एहि आयोजनक अध्यक्षीय मार्गदर्शन देली सुप्रसिद्ध साहित्यकार आ गोवा केर वर्तमान महामहिम राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा. व्याख्यानमालाक विषय राखल गेल छल मिथिलाक नारी, नहि छथि बेचारीजकर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत केली मैथिलीक प्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री डॉ. उषाकिरण खान.

कार्यक्रमक संचालन किसलय कृष्णक ओजपूर्ण शब्द लालित्यक संग प्रारम्भ भेल आ जोगी भेष मे उपस्थित बथनाहा, सीतामढी निवासी श्यामरुद्र पाठकक भाव सुसज्जित स्वर में विद्यापति रचित कुञ्ज भवन सनिकसल रेगीत सकार्यक्रमक शुभारम्भ भेल. मंचासीन हेबा लेल आमंत्रित कएल गेल क्रम सश्रीमती मृदुला सिन्हा, पद्मश्री डॉ. उषाकिरण खान, श्रीमती करुणा झा (नेपाल), अमरनाथ झा आ हेमन्त झा. एहि ठाम एक बातक जानकारी दी जे भारतक पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे.अबुल कलामक निधन केर धेआन में रखैत दीप प्रज्ज्वलन ओ सामूहिक गीत आदि नैं प्रस्तुत कविद्यापतिक स्मृतिचित्र पर सामूहिक पुष्प माल्यार्पण कएल गेल.

संस्थाक संस्थापक सदस्य अमरनाथ झा स्वागत भाषणक क्रम मे मंचासीन तीनू मैथिलानीक प्रति आभार प्रकट करैत मिथिलाक नारी नहि छथि बेचारीक रूप में हिनका तीनू गोटेकें उदाहरणक रूप मे सोझा रखैत बेटा-बेटी में अंतर करबा सन संकीर्ण मानसिकताक परित्याग करबाक आह्वान केलनि. हेमन्त झा संस्थाक आगामी योजनाक सन्दर्भ मे जानकारी देइत कहलनि जे संस्था एकटा एहन प्लेटफॉर्म तैयार करहल अछि जतनवतुरिया साहित्यकर्मीक रचना केर प्रकाशनादि हेतु सार्थक डेग उठेबा लेल तत्पर अछि आ अबिलम्ब एकर परिणाम सेहो सोझा आबि जाएत.

करुणा झा अपन वक्तव्य मे ई बात सोझा रखलनि जे वास्तव मे वर्तमान जुग मे मिथिलाक नारी बेचारी नहि छथि ई बात भले ही महानगरीय परिवेश मे नै होइ मुदा ग्रामीण स्तर पर एखनो बदलाव के आवश्यकता छै कारण जतभारती सन विदुषी शंकराचार्य के पराजित केलनि ओहि मिथिला क्षेत्र मे आइयो धरि दहेज़ प्रताड़ना, डाइन-जोगिन, घरेलू हिंसा आदि के शिकार नारी भरहली अछि. कहबाक अभिप्राय छलनि जे मानसिकता में बदलाव होए कारण शिव सेहो शक्ति बिनु अधूरा छथि. उपरोक्त विषय पर अपन व्याख्यान देइत साहित्यकार पद्मश्री डॉ. उषाकिरण खान नारी केर संग बेचारी शब्दक प्रयोग कें तार्किक रूपें सोझा रखलनि जे बेचारी बनब आ बेचारी हएब दुन्नू भिन्न सोचक प्रतीक थिक. माएकें अपन मातृत्वक निर्वाह करब बेचारी बनब नहि अछि मुदा जशिक्षाक प्रति जागरूक नहि कएल जाइत अछि ओ ओकरा बेचारी बनाएब अछि. नारी जागरण हेतु गामे-गाम जा वर्कशॉप केर आयोजन कहुनका जागरूक करबाक चेष्टा जकएल जाए तनारी बेचारी नहि रहि स्वाबलंबी भसकैत छथि.

अध्यक्षीय वक्तव्य में महामहिम राज्यपाल मृदुला सिन्हा जी मैथिली भाखा,संस्कृति,पावैन-तिहार आदिमे मिथिलाक नारीक अद्भुत जोगदानक एक सएक उदाहरण सोझा रखैत बजली जे एखनो जहन कोनो विषय पर शोध करबा लेल बैसै छी आ निदान नैं भेटैत अछि तजहिया गोवा सबिहार जाइत छी मैथिलीक गीत पावनि-तिहार आ ओतुका संस्कृति सओ सभ विषय भेट जाइत अछि जे हमरा चाही, जे संस्कृति आइयो धरि मिथिले के नारी सहेज करखने छथि. उदाहरण देइत  बटगबनी अपन किशोरी जी केआ एहेन कतेको पारंपरिक गीत सस्वर गाबि सुनेली जे सूनि समूचा सभागार में अनवरत थोपड़ी गरगराइत रहल. कार्यक्रम अपन सार्थक दिशामे बढैत रहल आ बीच में किसलय कृष्ण अपन स्वरचित मिथिला वर्णन आ तदुपरांत लोक गायिका आराधना मल्लिकक स्वर में सेहो भगवती गीतक प्रस्तुति भेल. पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम साहेबक दिवंगत आत्माक शान्ति हेतु एक मिनटक मौन राखि सामूहिक श्रद्धांजलि सेहो देल गेल.

धन्यावाद ज्ञापन करैत संजीव सिन्हा सभ गोटेकें आभार व्यक्त केलनि आ संगे संस्था दिस समैथिली लेखन मे सक्रिय हेबा लेल एकटा बहुत महत्त्वपूर्ण घोषणा आ आह्वान केलनि जे मैथिल युवा जिनक उमेर चालीस बर्ख सकम होए रचनाकर्मी लोकनिक मध्य चयनित एक गोट रचनाकार कें एक लाख टाकाक पुरस्कार प्रतिवर्ष सेहो देल जाएत.

एहि सफल आयोजन में किछु गणमान्य व्यक्ति, साहित्य ओ समाजसेवी लोकनिक उपस्थित उत्साहवर्धक रहल : गंगेश गुंजन, भुवनेश्वर गुरमैता (नेपाल), सुनीत ठाकुर, भास्कर झा (कोलकाता),अमित आनंद (सहरसा), मनोज श्रीपति, विमल जी मिश्र, अमित चौधरी, प्रकाश झा, मुकेश झा,अन्नी मिश्र (मधुबनी पेंटिंग), कुमकुम झा, अभिमन्यु खाँ, निवेदिता झा मिश्रा, आदित्य मिश्रा, सुधा झा, सुनील पवन, कंत शरण, भवेश नंदन, डॉ. ममता ठाकुर, सुशांत झा, श्रीचंद कामत, संजय झा नागदह, विजय झा, ललित नारायण झा, राहुल राय, कौशल कुमार, विभय कुमार झा, पंकज प्रसून, डॉ. पंकज मिश्र, शिशिर झा, कृपानंद झा, हितेंद्र गुप्ता आदि.