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Monday, February 23, 2015

मैथिली साहित्य महासभाक स्थापना समारोह

२१ फरवरी २०१५ क’ (शनि दिन) समूचा विश्वक लोक अपन-अपन भाखाकें प्रमुखता देइत अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाखा दिवसक रूपमे मनऔलक । एहेन सन दिवस आ तकर आयोजनमे मैथिलजन कतौ संच-मंच भबैसथि आ खासकएखुनका नवतुरिया लोकनि, जेकि साहित्य,संगीत,कला,पत्रकारिता,राजनीति वा आओर आनो कोनो माध्यमे मिथिला आ मैथिली वास्ते दिन-राइत एक संग डेगमे डेग मिलौने अपन संस्कृति आ भाखाकें संरक्षण आ संवर्धनार्थ आँगा मुँहे बढ़ल जा रहल छथि । एहि सार्थक आ उद्देश्यपरक सोचकें संग विभिन्न विधामे अपन-अपन गँहीर हस्तक्षेप रखनिहार दिल्ली प्रवासित युवा मैथिलजनकें सद्प्रयास समैथिली साहित्यक निमित्ते एक भव्य स्थापना समारोह केर आयोजन कएल गेल आ नाओं राखल गेल मैथिली साहित्य महासभाजकरा वास्ते स्थान चयनित छल डिप्टी चेयरमैन हॉल (प्रथम तल), कंन्स्टीट्यूशन क्लब, नव दिल्ली । महानगरमे बस,मेट्रो आ स्ववाहन आदिकें एबाक-जेबाक माध्यमकें धेआनमे रखैत सहूलियत दुआरे स्थानक चयन सेहो उपयुक्त छल । हॉलमे मोंटामोंटी दू सए खाँटी मैथिल पहुँचल छला आ बुझना जाइत छल जेना सभ गोटे विशिष्टे पाहुन रहथि ।

कार्यक्रम डॉ. शेफालिका वर्माक करकमलसदीप प्रज्ज्वलनक संग वरिष्ठ साहित्यकार गंगेश गुंजन केर अध्यक्षतामे प्रारंभ भेल आ विभिन्न विषय पर चर्च-बर्च भेल । डॉ. देवशंकर नवीन भाखा संबंधी बहुतो बात पर धेआन केन्द्रित करबैत मार्मिक आ तार्किक गप्प-सप्पसअवगत करौलनि आ समस्त मैथिलसआग्रह केलनि जे विद्यापति रचित गोसाओनिक गीत जय-जय भैरविकेर मूल टेक्स्ट सबिना कोनो छेड़छाड़ केने एक सुनिश्चित समयांतरालमे प्रस्तुत करबा सन अनुसाशनकें पालन हेबाक चाही । देहरादून सपहुँचल साहित्यकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र अपन मिथिला मैथिलीक प्रेमकें चाइर गोट राज्यक संग जोड़ैत बजला जे हमर जन्म मिथिलामे भेल,लालन पालन उत्तर प्रदेशमे भेल, कर्मक्षेत्र बंगाल रहल आ एखन विश्राम उत्तराखण्डमे भरहल अछि आ हुनका मातृभाखाक प्रति नेह दिल्ली धरि घीच अनलकनि । डॉ. शेफालिका वर्मा भाखाक उत्थानक प्रति आधुनिक तकनीकी जुगक जोगदान आ ओकर समुचित प्रयोगकें स्वीकार्यता प्रदान करैत युवा शक्तिकें तत्परता आ समर्पणता हेतु साधुवाद देइत स्वरचित कविताक किछु पाँति सेहो सुनौलनि ।

मैथिली भोजपुरी साहित्य अकादमीकें उपाध्यक्ष अजीत दूबे क्लासिक मैथिली सन स्तरकें निमाहबाक नीक सुझाओ देलनि जेकि संभवतः क्लासिक साहित्यकारकें हुनक भाखा बुझबामे आबि गेल हेतनि आ आओर बहुतो ज्ञानवर्द्धक गपसप परोसलनि जकर फलस्वरूप जैमकथोपरी बाजल मुदा हमरा सन सन अधकिच्चू आ नवसिखुआ लोककें ओ थोपरी अन्सोंहात जेंकां लागल कारण जे प्रतिष्ठा धूमिल हेबाक आशंका सत्रस्त अकादमी नवोदित कविकें अवसर देबा सपरहेज करैत आबि रहल अछि । डॉ. चंद्रशेखर पासवान जातिगत बन्हनमे बन्हने मिथिला आ मैथिलीके सर्वजातीय स्वीकार्यता हेतु आह्वान केलनि आ एहि प्रकारक विकृत मानसिकताक परित्याग करबा सन कत्तेको मुद्दा पर ध्यानाकर्षण करौलनि ।

साहित्य अकादमी दिल्ली दिससपदाधिकारी देवेन्द्र कुमार देवेश सेहो भाखा आ संस्कृतिकें प्रति नेह-सिनेहक गपसप रखलनि मुदा हुनका स्वयं अपन मातृभाखा भोजपुरी (सर्वसम्मति हेबाक बावजूदो) बजबामे असोकर्ज जेंकां बुझना जाइत छलनि तथापि हिन्दीमे भरि पोख अपन उच्च विचार सभ रखलनि । भारतीय रेल सेवा ससेवानिवृत पटना सचलिकआओल कामेश्वर चौधरी संस्थाकें आयोजक मंडलकें एहि पुनीत कार्य हेतु साधुवाद देइत अपन चाइर पाँतिक कविताक संग वक्तव्यकें विराम देलनि । वर्तमानमे दिल्ली प्रशासनमे कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा पदाधिकारी संजय कुमार झा अपना समयक मैथिलीक प्रति परिवेश आ वर्तमान समयक परिवेशकें तुलनाक संगे मैथिलीक सांस्कृतिक महत्त्व आ इतिहास सअवगत करबैत एक सुन्नर शैलीक संग वक्तव्य प्रस्तुत केलनि ।

मुम्बई महानगर सबहराइत नियमित द्वैमासिक पत्रिका मैथिली दर्पण केर सम्पादक प्रो. कृष्ण कुमार झा अन्वेषककेर कथन एना होए कि ओना होए,शुद्ध होए वा अशुद्ध होए,काज मैथिलीये वास्ते भरहल छै नें यौई शब्द तजेना जान फूकि देलक आ उपस्थित लोकक मूँह पर जेना एकटा नव ऊर्जा प्रवाहित कदेलक, दोसर उर्जाक गप छल आगाँ बढिकई अगिला आयोजन मुम्बईमे अपन अगुआईमे करेबाक घोषणा । कानपुर सचलिकआएल मैथिली महासभाक अध्यक्ष रविन्द्र नाथ झा मिथिला आ मैथिलीकें उत्थानमे सबसपैघ अवरोधक आपसी अहंकार आ द्वेषकें जनौलनि । कानपुर ससंस्थाक दू गोट आर सदस्य अमित झा आ अनिल झा आयोजनक क्रमकें आगू बढ़बैत तेसर आयोजन कानपुरमे करेबाक जिम्मा लेलनि । विद्यापति सेवा संस्थान दरभंगा सचलि कआएल मेमोरियल कॉलेजक सेवानिवृत मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ. उमाकान्त झा साहित्य आ भाखाक प्रति सार्थक दिसामे काज होइत रहबाक प्रतिवद्धताकें वास्ते संस्थाकें साधुवाद देलनि ।

कोलकाता सचलिकआएल सुप्रसिद्ध गीतकार उमाकान्त झा बख्शीस्वरचित गीत सुना सभकें मन मुग्ध कदेलनि । कवयित्री निवेदिता झा आ मैथिली भोजपुरी साहित्य अकादमीक सदस्या मृदुला प्रधान अपन-अपन कविताक प्रस्तुति सएकटा सुन्नर सन साहित्यिक आ रोचक परिवेश बनेबामे सुन्नर जोगदान देली । अन्नी मिश्राक बनाओल मधुबनी पेन्टिंग (फ्रेमिंग सहित) अतिथिकें प्रतीक चिन्हकें रूपमे दसम्मानित कएल गेल आ तदुपरान्त हिनको पुष्पगुच्छ ससम्मानित कएल गेल ।

अनेकानेक दृष्टिकोण सकार्यक्रम सफल रहल आ निःसंदेह एहि सफलतामे मिथिला-मैथिली ससम्बंधित साहित्यिक वा सांस्कृतिक कार्यक्रमक प्रतिभासंपन्न मंच संचालक किसलय कृष्णक मंचोपस्थिति आ वाचाशक्ति सनक महत्त्वपूर्ण भूमिकाकें एखनो बेगरता देखबैछ । महीनो पूर्व सआयोजनमे लागल आयोजन समितिक सदस्य प्रवीण नारायण चौधरी, अमरनाथ झा, संजीव सिन्हा, आदित्य झा, विजय झा, संजय झा नागदह”, विमल जी मिश्र,ललित नारायण झा, ऋषि मलंगिया, सुमन कुमार, हितेन्द्र गुप्ता, हेमन्त झा आदि लोकनिक मेहनैत सफल रहल आ सहभोजक संग कार्यक्रमक समापन भेल ।

Monday, February 16, 2015

मैथिली पत्रकार : २०१४

फेसबुक पर मिथिला मिरर द्वारा नियमित कएल जा रहल पोस्ट के लिंकक माध्यम स’ समाद सभ संभवतः पढिते रहै छी मुदा समयाभावमे कोनो समाद पढ़बा स’ वंचित सेहो रहि जाइ छी । बहुत दिनक बाद कने फुर्सतक छनमे एहि वेबसाइटक कने बेसी त’ह धरि पैस गेलौं । निःसंदेह सम्पादक ललित नारायण झा, जूली रानी झा, राहुल राय,सुजीत कुमार झा आदि धन्यवादक पात्र छथि जे एकरा निरंतरता देइत गुणवत्ता बनाक’ रखने छथि ।

मिथिला मिरर बरख २०१४मे एक न’व परम्पराकें शुरुआत केलक अछि जे मिथिला-मैथिली लेल सक्रिय मैथिलजन जेकि बरख भरिमे विभिन्न क्षेत्रमे अपन-अपन अनुभवक आधार पर विशिष्ट योगदान द’ रहलाह अछि हुनका अपन वेबसाइटक बहुमूल्य पन्ना पर यथोचित स्थान द’ सम्मानित करबाक आ ताहि क्रममे “मैथिली पत्रकार : मिथिला मिरर-२०१४” हेतु चयनित बारह टा हीरा (हितेन्द्र गुप्ता,भास्कर झा,सुजीत झा,रुपेश त्योंथ,कृष्ण कुमार राय,ऋषि मलंगिया,राहुल राय,आदित्य झा,जितमोहन झा,दीपक झा,प्रकाश झा, सुनील कुमार झा)क मध्य हमरा सन एक साधारण पत्रकारकें स्थान सेहो देलनि, देखि आह्लादित छी आ सम्पूर्ण टीमकें एहि निष्पक्ष निर्णय आ पत्रकारिता दिस प्रेरित करबा हेतु हृदयस’ साधुवाद देइत अहाँ लोकनिक उज्ज्वल भविष्यक कामना करै छी ।

लिंक पर क्लिक क' अहूँ लोकनि देखि सकै छी ।