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Tuesday, July 29, 2014

“हाफ मर्डर” फिल्मक संगीत


चिरप्रतीक्षित मैथिली फिल्म हाफ मर्डरसिनेमा हॉलमे प्रदर्शनार्थ निर्माण भतैयार अछि । जनतब अछि जे सितम्बर महिना धरि दर्शक लोकनिक सोझा आबि जाएत । किछुए दिन पूर्व मिथिलांचलक विभिन्न क्षेत्रमे एहि फिल्मक संगीत केर सीडीक विमोचन औपचारिक रूप सँकएल गेल जेकि आब स्वतंत्र रूप सयत्र-तत्र उपलब्ध अछि । साईंचरण इंटरटेनमेंटकें बैनरमे बनल एहि फिल्ममे आठ गोट गीतक गुंजाइश कएल गेल अछि जकरा संगीतबद्ध केलनि अछि सुनील पवन । १८ जुलाई २०१४ (शुक्रदिन) कसाईंचरण इंटरटेनमेंटकें दिल्ली स्थित कार्यालय जेबाक अवसर भेटल जतय फिल्मक प्रोमोशन समबन्धी बहुते रास गप्प-सप्प आ विचार विमर्श सेहो कएल गेल ।

विचार-विमर्शक उपरान्त फिल्मक निर्माता सँएहि फिल्मक गीत केर सीडी हस्तगत प्राप्त भेल । जिज्ञासावश पहिल बेर तआठो टा गीत एक साधारण श्रोता जेकाँ सुनल मुदा ततेक बेसी कर्णप्रिय लागल जे प्रायः राइत सभोर धरि कम सकम दस बेर तअवस्से सुनने हएब आ गीतक समीक्षात्मक टिप्पणी लिखबाक वास्ते मन उत्साहित होमय लागल । फिल्मक एक-एक गीत मात्र सुनला सफिल्मक दृश्य केर कल्पना कएल जा सकैत अछि तथापि फिल्मक अपन आनंद होइछ आ आशा अछि जे फिल्मों तदनुरुपे बनि सोझा आओत ।

उदित नारायण झा आ कविता कृष्णमूर्तिकें युगल स्वरमे गाओल गीत कियै हँसि-हँसि कनयना ससवाल करै छीबेर-बेर सुनबा लेल बाध्य करैछ कारण एकर गीत, संगीत आ स्वर एहि तीनूक तालमेल प्राकृतिक रूप सएकरा सुन्नर बना प्रस्तुत करैत अछि। निःसंदेह एहेन कर्णप्रिय गीतक रचनाकार छथि आजुक युवा पीढ़ीक आदर्श गीतकार डा॰ चन्द्रमणि झा । बॉलीवुडमे संगीत केर पाठशालाकें नाम सप्रसिद्ध गायक रविन्द्र जैनकें स्वरमे जानि ने केक्कर नजरि लगलैकेर एक-एक शब्द समाजक वर्तमान परिस्थिति सअवगत करबैत प्रस्तुत कएल गेल अछि । मैलोडीकिंग कुमार शानु केर स्वरमे टाइटल गीत केहेन जमाना बदलि गेलइयैअपरिपक्व उमेरमे कएल गेल प्रेम केर दुष्परिणाम आ समाजक विकृत मानसकिता के उजागर करैत अक्षरशः गीतमे समाहित करबाक प्रयास कएल गेल अछि । कविता कृष्णमूर्ति आ सुनील पवन केर युगल स्वरमे गाओल गीत अप्पन सजना पर हमरो गुमानमें प्रेमक मिठास केर अभूतपूर्व आनंदक अनुभूति होइछ । मो. अज़ीज़ आ सुनील पवन केर गाओल फगुआ गीत रंग उड़इयै गुलाल आबि गेल फागुन महिनमाकेर बीच-बीचमे रमानाथ झाक गाओल जोगीरा गीत केर बेस रोचक बनबैछ । बहुमुखी प्रतिभाक धनी गायक विकाश झाक संग राधा पाण्डे आ शैलेश ठाकुरक स्वरमे गाओल गीत नैन सतूँ नैन मिलाबेस सोअदगर लगैछ आ निःसंदेह विकाश झाक गायन शैलीमे ऊर्जा आ राधा पाण्डेक स्वर अदायगी केर समावेश बेस आनन्दित करैछ । मैथिलीक सुप्रसिद्ध गीतकार सियाराम झा सरसकेर कलम सनिकलल माटिक सुगंध जहिया सँधरती रानीके अपन सुन्नर सन स्वर ससुवासित केने छथि मैथिलीक चितपरिचित गायक ज्ञानेश्वर दूबे । मैथिली भाखाक एहि फ़िल्ममे आधुनिकताक प्रयोग करैत एक गोट पाश्चात्य अन्दाज केर गीतक मिश्रण करबाक प्रयासमे स्वयं रमानाथ झाक लिखल गीत कहिया तक अहिना बजाबैत रहूकेर स्वरबद्ध केने छथि हिन्दी फिल्म जगत केर जानल-मानल युवा गायक शान ।

निष्कर्षतः ई कहल जा सकैइयै जे गीत, संगीत आ स्वर तीनू एक सएक उपरा-उपरी आ मैथिली फिल्ममे एहेन प्रयोग नीक संकेत आ सनेश देइत युवामे मैथिली भाखा आ कलाक प्रति जोश भरबाक काज करत ।