भाषा सेवा लेल आंशिक योगदान, अपने लोकनिक अवलोकनार्थ। क्लिक कय पढ़ल/देखल/सुनल जा सकैत अछि :

रिपोर्ट (63) अखबारक पन्ना (33) ऑडियो/वीडियो (21) मैथिली नाटक (19) कथा मैथिली (18) मैलोरंग (16) मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (14) दैनिक जागरण (12) मैसाम (10) मैथिली फिल्म (8) साक्षात्कार (8) मैथिली-भोजपुरी अकादमी (6) आलेख (5) ऑफिसक अवसर विशेष पर (3) झलक मिथिला (3) नवभारत टाइम्स (3) पाठकीय प्रतिक्रिया (3) बारहमासा (3) मैथिली पोथी (3) अखिल भारतीय मिथिला संघ (2) अछिञ्जल (2) अपराजिता (2) कथा मंचन (2) दीपक फाउंडेशन (2) मिथिला स्टूडेंट यूनियन (2) मिथिलांगन (2) मैथिली पत्र-पत्रिका (2) मैथिली लघु फिल्म (2) यात्रा संस्मरण (2) विश्व मैथिल संघ (2) सम्मानक सम्मानमे (2) हिन्दुस्तान टाइम्स (2) अस्मिता आर्ट्स (1) एकेडमी ऑफ़ लिटरेचर आर्ट एंड कल्चर (1) डी डी बिहार (1) देसिल बयना हैदराबाद (1) धूमकेतु आर्ट्स (1) भारती मंडन (1) मिथिला मिरर (1) मिनाप (1) मैथिली एलबम (1) मैथिली कथा (1) मैथिली जिन्दाबाद (1) मैथिली धारावाहिक (1) मैथिली पत्रकार (1) मैथिली लोकमंच (1) मैथिली संबोधन (1) विदेह (1) साझी धुआँ (1) साहित्य अकादेमी (1) साहित्यिक चौपाड़ि (1) स्वरचित (1) हिन्दी नाटक (1)

मुख्य पृष्ठ

Wednesday, April 17, 2013

एहनो कतउ भेलइए ?


परुकाँ  साल ३१ मई क'  भोरे भोर जतेक समाचार सुनबा में आबय सबटा अचम्भिते करै बला I टेलीविजन चालू करिते देखै छी जे सगरो दिल्ली आ देश के आन आन भाग में यत्र-तत्र बाट जाम के खबरि,यातायात के सुविधा बाधित,कारण की ? कारण ई जे, पेट्रोल के मूल्य में असामान्य वृद्धि के विरुद्ध जनमोर्चा, आ ताहि  जनमोर्चा में अपसियांत लोक में सभ वर्ग स' मिश्रित आम आदमी जिनक प्रतिनिधित्व करैत किछु नवोदित, किछु परिपक्व आ किछु वरिष्ठ राजनीतिक व्यक्ति लोकनि I ओना हिनका लोकनिक हस्तक्षेप भेनाइ सेहो परमावाश्यके , कारण जे हमरा लोकनिक बीच एहेन जनधारणा अछि जे विपक्षी लोकनि अगुएता तखने सत्ताधारी के आंखि फुजतन्हि, भले ही ओ स्वयं सत्ता में एलाक बाद जे करथि,आ जं' से नहि होईतै त' आइ ई दिन कियै देख' परैइयै I महंगाई के विरोध त' आदि काल स' होइत आयल अछि, अंतर एतबे छै जे पहिले सामान्य वृद्धि होइत छल आ आब असामान्य वृद्धि (अनिश्चित अनुपात में) होइत अछि, आओर इएह अनिश्चितता हमरा लोकनिके बाट पर ठाढ़ करबा लेल बाध्य क' दैत अछि I आब एकर नतीज़ा संध्या कालक समाचार में  देखल जे पूर्ण हास्यास्पदे अर्थात असामान्य वृद्धि के विरोध में हो-हल्ला भेलाक बाद सामान्य कमी, कियैक त' सरकार के ई आभास त' रहिते छैक जे हो-हल्ला हेबे करतै त' चलू कनेक उसास क' देल जेतै आ ठीक तहिना दोसर दिन स' सब किछु पूर्ववते अर्थात सरकार महगाई बढब' में एक बेर फेर सफल I

हड़ताल रहितहु लोक अपन अपन गंतव्य तक जेना तेना पहुँच रहल छलाह, तकर एकटा भुक्तभोगी हमहूँ रही I Sस में बैसल बैसल मोन अकच्छ भ' गेल रहय कान में ठप्पी लगाय एफ.एम सुनय लगलहुं, आहि रे बा ! ई की ? शाहरुख खान के दम्मा कहिया भ' गेलन्हि ,कहियो नै समाचार में आयल छल, ने अखबार में छपल छल I ई चैनल आ पेपर बला सब त' बड दाबा करै छथिन्ह जे हम सबस' बेसी तेज, सबस' पहिने, सबस' आगाँ, मुदा एहि में त' सब गोटे पछुआ गेलाह  I ई मीडियाकर्मी लोकनि त' एहेन-एहेन चर्चित लोकक छींको के ब्रेकिंग न्यूज़ बना दै छथिन्ह आ एतेक बड़का बीमारी के जानकारी स' वंचित कोना रहि गेलाह ? मुदा औ बाबू ! वंचित ई सब नै  रहि गेलाह, वंचित त' हम स्वयं रहि गेलहुं एहि एफ. एम. बला नकलची लोकक भाषा सँ' Iसंयोगवश ओहि दिन तमाकुल निषेध दिवस छल आ एहि अवसर पर शाहरुख़ खान के शुभचिंतक लोकनि हुनका धुम्रपान स' सम्बंधित विषय वस्तु पर अपन अपन नसीहत द' रहल छलथिन्ह आ ताहि क्रम कियो हुनके आवाज़ में नक़ल करैत एकटा संवाद के दम्मा बला अंदाज़ में सुना रहल छलाह I एहि तरहें हड़ताल आ  तमाकुलक सिट्ठी सँ कन्छिआइत-कन्छिआइत अपन गंतव्य धरि पहुँचलहूँ I भरि दिन काज धंधा क' ' संध्या काल जखन अपन मरैया में एलहुं आ फेर समाचार देख' लगलहुं जे, कतौ हमरो युवावस्थाक फोटो आबि जाय, मुदा से व्यर्थ सोचल कारण फोटो त' नहिये ऐल आ उलटे युवावस्था पर पूर्ण विराम लागि चुकल छल I

युवा मित्र लोकनिक लेल ई ३१ मई २०१२ अविस्मरणीय दिवस छल, कियैक त' सरकार आइ खुलि क' घोषणा क' देलक जे - जे व्यक्ति १६ स' ३० बरखक अवस्था के छथि, हुनके टा युवा वर्ग के श्रेणी में राखल जेतन्हि I आजुक दिन हड़ताल झेलब आ की तमाकुल झेलब ओतेक भारी नै छल जतेक की ई वृद्धावस्था झेलब (सरकारक अनुसारे) मोस्किल छल I नै जानि आइ कियैक बाजपेयी जीक बड्ड याद अबै छल, एहि दुआरे की कम स' कम अपना के एखन धरि युवा त' बुझै छलहुँ कियैकी हुनक युवा उमेर निर्धारण सीमा छल १३ स' ३५ बरख धरि छल Iमोने मोने ई सोचि बैसल रही जे एखन विवाहक वैधता पांच बरख धरि आरो अछि,  मुदा ई की ? ई त' एकाएक राताराती वैधता समाप्त I

आब कल्पना कर' लगलहुं जे, काल्हि स' जे घटक एताह त' हुनका आंगुर पर गानि-गानि क' जन्म तिथि , मैट्रिक, इंटर, बी.ए. पास के इसवी कहबन्हि आ ताहि गणना में ज' कतहु चूक भेल त' बुझू जे ई कलिजुग बिना गृहस्थाश्रमें के समाज सेवा में बीति जायत I मोनेमोन फेर भोला  बाबा  के गोहराबय लगलहुं जे- हे बाबा ! एहेन अनर्थ कियैक केलहुं ? कम स' कम हमर विवाह जवानी में त' होमय दैतौं I बड़ बेस! राति में सूतल रही, की देखै छी स्वप्न में साक्षात् त्रिलोकीनाथ, गर्दैन में फुफकारैत जुआयल गहुंमन सांप, हाथ में त्रिशूल आ डमरू, बाघक चाम के ठेहुन धरि गमछा बना नुरियेने, सौंसे  देह में शमसान के छाउर हसोथने, हमरा सिरमा लग आबि ठाढ़ भ' गेलाह आ कहय लगलाह-हौ बौआ! हम भरि दिन तोहर बात सुनै छलहु, मुदा ओतेक लोकक बीच में कोना भेंट करितौं तैं एखन एकांत में कहै छियह! तोहर मोन एतेक छोट कियैक छह ? कहलियैंह-मोन छोट कोना नै हैत बाबा ? ई सरकार दुखी क' देने अछि I कहू त?चीज़ वस्तु के दाम बढ़ा क' आकाश ठेका देने छै आ मनुक्खक  युवा उमेर निर्धारण सीमा में दिन स' दिन कोताहिये केने जाइ छै I देखियौ त' बाजपेयी जी कतेक बढ़िया केने रहथिन्ह,  उमेर सीमा निर्धारण I

बाबा हमरा हतोत्साहित देखि कहलाह-सुनह पढ़ल लिखल छह बात बुझबाक चेष्टा करह I हौ ! बाजपेयी के समय में प्रधानमंत्री स' ' राष्ट्रपति तक केकरो देखलहक जे सोंगर पर ठाढ़ छल ? कियैक त' बेसी अवस्था के रहितहु सभ स्वयं के जवान बुझैत छल I तैं ओ सीमा नमहर छलैक I ओनहियो ई सरकार संतुलन बनब' लेल महगी बढ़ा क' उमेर घटा रहल अछि, कियैक त' बूझल छैक जे एहेन महगाई में लोकक गुज़र बसर केनाइ आ जियब कतेक मोसकिल छै I तैं मनुक्ख जतबा दिन जीत तही में अवस्था के वर्गीकरण तालिका बनाओल जाय I मोन छोट नहि करह आ चिंता छोड़ह आ हमरा ई वचन दै जे काल्हि स' तों अपन समय के अनाप सुनाप में एक्कहु क्षण व्यर्थ नहि करबह, आ जतबा दिनक ओरदा छ'ह ओतबे दिन में गृहस्थ जीवन के संग संग सामाजिक दायित्व के निर्वाह में ततेक बेसी समर्पित भ' जाह जे दिनानुदिन तोहर कीर्ति स' ई समाज, देश, कर-कुटुम, परिवार सब तोरा पर गर्व कर' लाग' I एकटा बात आर मोन रखिह'  जे, जे व्यक्ति कर्मठ अछि ओ सतत जुआने रहैत अछि कियैक त' ओ अपन लक्ष्य के पाबय लेल दृढसंकल्पित रहैत अछि जकरा लक्ष्य के आगाँ वृद्धावस्था सेहो युवावस्था सदृश्य लगैत छैक I अंत में शुभानि सन्तु !! कहि क' अन्तर्ध्यान भ' गेलाह I जखन स' निन्न फूजल तखन स' अपना के एकदम स' हट्ठा-कट्ठा जवान प्रतीत होमय लागल आ भोला बाबा के ध्यान में रखैत अपन कर्म में लागि गेलहु I

प्रकाशित:मैथिली दर्पण (मासिक पत्रिका)
मास-अप्रैल, बरख-2013 (प्रवेशांक)

Friday, April 12, 2013

विजय मिश्र 'लड्डूजी' (तबला वादक संग)


मूलतः मधुबनी जिलान्तर्गत नवनगर गामक विजय मिश्र 'लड्डूजी' तबला वादन क्षेत्र मे एक परिचित नाओ छथि. हिनका संग बंटैत हिनक व्यक्तिगत अनुभव :

विजयजी सभ सं पहिने अपनेक पारिवारिक पृष्ठभूमि संगे शैक्षिक पृष्ठभूमि सं अवगत होमय चाहब?
जी! हम एकटा सामान्य पारिवारिक व्यक्ति छी. दू भाइ मे छोट छी आ हमर बाबूजी तेजनारायण मिश्र बिहार पुलिस सं दू बरख पहिने अवकाश प्राप्त केलनि अछि. हमरा लोकनि जखन नेनहि रही त' हमर पिताजी केर पोस्टिंग पटना मे रहनि आ तें हमरा लोकनिक शिक्षा पटने मे भेल. हम बीकॉम धरि पढि संगीत क्षेत्र मे आबि गेलहुं.

जखन अहांक शिक्षा बीकॉम अछि त' सीए आदि दिस नहि जा संगीत दिस अयलहुं से कोना?
निश्चित रूपें शैक्षिक पृष्ठभूमि बीकॉम भेने युवाक झुकाओ कोनो व्यावसायिक डिग्री दिस बेसी रहैत  अछि, मुदा ने जानि किए हमरा पढ़ाइ करितो सदिखन धियान संगीत दिस रहैत छल. इच्छा छल जे एहू क्षेत्र मे मेहनति क' किछु क' सकै  छी आ ई सोच धीरे-धीरे प्रभावी होइत गेल.

परिवार मे संगीत लेल केहन परिवेश छल? अहां कें केहन सहयोग भेटल वा भेटैत अछि?
परिवार मे संगीतक प्रति सजगता जरूर छल मुदा बाबूजी आ बड़का भाइजी कहियो सक्रिय रूप सं मंच वा कि कोनो आन रूप मे सोझां नहि अयलाह. हम जखन छठम कक्षा मे छलहुं तखने माय-बाबूजी कें तबला-वादनक प्रति हमर आकर्षण केर आभास भ' गेल छलनि आ तखने सं अभीष्ट सहयोग आ प्रोत्साहन भेटैत रहल अछि. विवाहोपरांत सेहो परिवारक अपेक्षित प्रोत्साहन भेटैत अछि.

संगीत मे करियर बनेबा लेल कोनो विशेष शिक्षा आदि ग्रहण केने छी वा एहिना साधनारत छी?
बीकॉम धरि त' सामान्य विषयक पढौनी कयलहु. नेनहि सं संगीतक नेह छल त' कतेको गुरुजी सं सीखि रहल छलहुं. सभ सं पहिने पं अशरफी लालजी केर सान्निध्य भेटल आ जओ-जओ संगीतक प्रति समर्पण बढ़ल गेल गुरुजी सेहो कहलनि विधिवत संगीतक शिक्षा लेबाक लेल. तखन इलाहाबाद सं 'संगीत प्रभाकर' केर डिग्री सेहो लेलहुं.

अहांक सांगीतिक करियर मे विशेष योगदान किनक आ प्रेरणास्रोत के' छथि?
सभ सं पहिने माय-बाबूजी कें, जिनक प्रेरणा आ मार्ग-दर्शन हेतु सदति ऋणी रहब. दुर्भाग्यवश माँ बहुत पहिनहि तजि गेलीह एहि संसार कें मुदा बाबूजी एखनो प्रोत्साहित करैत रहैत छथि. निश्चय ओहि गुरुजी कें जिनका सं हम बहुत प्रेरित रही जेना पं अशरफी लालजी, पं गुदइ महाराज, पं कपिलदेव सिंह आदि कें अनुसरण करैत आगां बाट सेहो साफ़ देखा रहल अछि.

नेनहि सं संगीतक प्रति लगाव अछि आ सक्रिय छी त' ई कहू जे कोनो एहन उपलब्धि जे सदति मनोबल बढबैत अछि?
जाहि समय मे संगीत सं प्रभाकर करैत रही ताही समय मे कतहु-कतहु मंच पर एकल वादन केर अवसर सेहो भेटैत छल, ताहि मे सं किछु स्मरणीय क्षण एखनो मोन पडैत अछि त' प्रफुल्लित भ' जाइत छी जेना विश्वप्रसिद्ध ध्रुपद आ ख़याल गायक पं सियाराम तिवारी केर करकमल सं तीन-तीन बेर पटना मे पुरस्कृत भेल छी आ एहने सन उपलब्धि सभ विचलित होमय काल सहायक होइत अछि.

विचलित  माने की? कहीं जीविकोपार्जन हेतु जोखिम वा उद्देश्यपूर्ति मे-विघ्न बाधा आदि त' नहि?
हं, किछु तेहने सन कहल जाय, कारण जे संघर्ष त' सभ क्षेत्र मे छैक मुदा संगीत क्षेत्र मे स्थापित होमय लेल किछु बेसी धैर्य केर आवश्यकता होइत छैक. एक सामान्य परिवारक व्यक्ति पर पारिवारिक जिम्मेदारीक बोझ ततेक ने रहैत अछि जे समय पर निर्णय लेब कठिन भ' जाइत अछि. एहना मे कतेको प्रकारक सामाजिक-पारिवारिक बाधा होयब स्वाभाविक छैक. एकरा संतुलन बनेबाक लेल धैर्य आ दृढ संकल्प केर आवश्यकता होइछ.

अपने वादन केर अलावा कलाक आनो विधा मे अभिरुचि रखलहुं वा अपन भाग्य अजमओलहुं?
ई बात ठीके अछि जे जखन परिपक्वता आयल त' मंच आ दूरदर्शन केर धारावाहिक मे अभिनय करबाक अवसर सेहो प्राप्त भेल छल. एतबे नहि गीत सेहो लिखैत रही जकरा किछु कैसेट एलबम मे स्थानो भेटल आ तकरा बाद एलबम मे गीत गयबाक अवसर सेहो भेटल. तखन सफलता बेसी वादन क्षेत्र मे भेटल आ एकरे प्राथमिकता देइत छी.

अपनेक किछु धारावाहिक, एलबम आदिक नाम कही?
दूरदर्शन पटना सं प्रसारित एक हिंदी धारावाहिक 'सेतु' महात्मा गाँधी द्वारा चलाओल आन्दोलन पर आधारित छल आ राजेश कुमार झा केर निर्देशन मे हमरो एक छोट-छीन पात्रक भूमिका देल गेल छल. 25टा सं बेसी मंच आ नुक्कड़ पर नाटक आदि मे अभिनय कयल. मैथिली मे किछु एलबम में सेहो अभिनय केलहुं जाहि मे मुख्य अछि 'महिमा अहांक अपार' (भगवती गीत), सजनाक प्रेम, सनेस आदि. हमर लिखल गीत गओलनि विधि जैन, राजाराम भास्कर आदि. एकटा 'चितचोर' नामक एलबम मे गीतो गेने रही. जकर विमोचन दिल्ली मे मुख्यमंत्री शीला दीक्षित केर करकमल सं भेल छल.

प्रायः  गुणीजनक मुंहे सुनैत छी जे 'सद्यः राग करो प्रीतः' माने राग (संगीत) सोझे परमात्मा सं जोडैत छैक. अहां एकरा कोना देखैत छी?
संगीत आ आध्यात्म केर सम्बन्ध देखल जाय त' वास्तव मे ई एक-दोसर केर पूरक अछि. आजुक पीढ़ी एकरा आध्यात्म केर दृष्टिकोण सं कम आ व्यवसाय केर दृष्टिकोण सं बेसी देखैत छैक. यैह कारण अछि जे अंतरात्मा धरि छाप छोडय मे किछुए संगीत आब प्रभावित करैत अछि. एखन संगीत हृदय मे कम आ देह-हाथ झमारय मे बेसी प्रयोग होइत अछि. संगीत जा धरि सकून नहि देत ताधरि ओ संगीत केर श्रेणी सं बाहर अछि. अर्थक पाछां संगीतक मौलिकता आ शुद्धता हेरयबाक नहि चाही.

संगीतक क्षेत्र अथाह छैक, माने आत्मविश्वास रहने संघर्षोपरांत स्थापित भेल जा सकैत अछि. अहाँ अपन अनुभव कही?
पहिलुका समय मे एतेक बेसी मीडिया सक्रिय नहि रहैक आ ने एतेक सुलभ रूप सं प्रतिभा उजागर करबाक कोनो साधन. एहन स्थिति मे अभिभावक आ समाजक धुकधुकी स्वाभाविक रहैक तें गिनले चुनले परिवारक धीया-पूता कला-संगीत दिस जा पबैक. एखनुका स्थिति विपरीत छैक. एखन संगीत-कला क्षेत्र सभ दृष्टिए खुजल छैक.

संगीत मे अपन भविष्य तकैत नवतुरिया लेल कोनो सनेस? 
संगीत मे भविष्य सुरक्षित रखबाक लेल सभ सं बेसी आवश्यकता अछि विधाक चयन अर्थात कोन विधा मे सभ सं बेसी रुचि अछि आ तकरा अनुसार ओहि मे  समर्पित भ' अभ्यास करबाक. सुनि-सुनि क' गायब आ बजायब क्षणिक संतुष्टि देइत छैक मुदा वैह जओं विधिवत शिक्षा लैत करब त' सभ सं पहिने आत्मसंतुष्टि भेटत आ फेर आत्मविश्वास बढ़त.